PM मोदी ने CM धामी से मांगी स्थिति की जानकारी:-जोशीमठ में कुछ दिन पहले ही भू- स्खलन की घटना हुई है। जिसमें जमीन सरकने से सैकड़ों घरों, होटलों व अन्य प्रतिष्ठानों में बड़ी दरारें पड़ गई हैं। इस स्थिति के उपरांत वहां हालात चिंताजनक बने हुए हैं। केंद्र सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है। इस विषय पर प्रधानमंत्री कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने पीएमओ में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ जोशीमठ के हालात को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
भू- स्खलन से प्रभावित परिवारों को पहुंचाया जा रहा है सुरक्षित स्थानों पर
इसमें उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ मामले पर पीएमओ को बताया कि भू- स्खलन से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जोशीमठ मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्थिति का जायजा लिया है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है। साथ ही बैठक में बताया गया है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं।
अबतक 88 परिवारों को निकाला गया है सुरक्षित
एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया है कि अब तक 603 मकानों में दरारें आई हैं। इससे प्रभावित 68 परिवारों को अब तक निकाला गया है। हालांकि, सचिव आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 88 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भू- स्खलन कारणों का पता लगाया जा रहा है। इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा। तत्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है। स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है।