जब भी किसी देश की पिरामिड की बात होती है तो मिस्र या इजिप्ट के पिरामिडों की जरूर चर्चा होती है। ऐसा क्यों? तो बता दे कि वहां अभी तक पिरामिड अच्छे से सुरक्षित है जबकि भारत,चीन और मध्य एशिया के पिरामिड युद्ध के दौरान नष्ट हो गए। दरअसल मिस्र के पिरामिड, पुरानी खो गई सभ्यता के तीर्थ है। जो अब जाके मकबरे में तब्दील हो गए। मिस्र में 138 पिरामिड मौजूद है। जबकि काहिरा के गीजा में तीन ही पिरामिड मौजूद है। मगर गिजा का ग्रेट पिरामिड ही प्राचीन विश्व के सात अजूबो की सूची में शामिल है। यह पिरामिड 450 फुट ऊंचा है। लगभग 4000 सालो से यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा है।
चलिए जानते है विस्तार से:-
अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यता ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में स्थापित थी। यह एक कृषि पर अधारित सभ्यता थी। जिन्होंने ईसा से 1000 साल पहले माया सभ्यता के लोगो ने एक भव्य इमारतें बनाना शूरू कर दिया था और 600 साल ईसा पूर्व तक बहुत से परिसर बना लिए थे। उनकी सबसे उल्लेखिनिय इमारतें पिरामिड है। उन्होंने धार्मिक केंद्र भी बनाएं थे। लेकिन फिर सन् 900 के बाद माया सभ्यता के इन सभी इमारतों का हरास होने लगा और नगर खाली हो गए।
रूस के एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और यूरोप के वैज्ञानिको ने सन् 2013 में बर्फीले अंटार्कटिका में 3 पिरामिडों की खोज की है। जिनमें एक पिरामिड तो समुद्र के नजदीक में ही है। लेकिन दो पिरामिड समुद्र से लगभग 16 किलोमिटर दूर पानी के अंदर डुबे हुए है। पंरतु ये तीनो ही पिरामिड किसी मानव द्वारा ही निर्मित किया गया है। क्योंकि वहां उस काल में मनुष्य रहता था, और अंटार्कटिका की भूमि पर विशाल जंगल हुआ करते थे। लेकिन अब वहां एक बहुत बड़ा हिस्सा बर्फ की मोटी चादर से ढका हुआ है। पिरामिड पर शोध करने वाले वैज्ञानिको का कहना कि सभी पिरामिड उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्ध के प्रभाव को जानकर बनाया गया है। पिरामिड की आकृति उत्तर दक्षिण गोलार्ध पर रहने की वजह से ब्रह्यांड में व्याप्त ज्ञात व अज्ञात शक्तियों को स्वयं में समाहित कर, अपने अंदर एक ऊर्जायुक्त वातावरण तैयार करने में सक्षम है, जो जीवित या मृत, जड़ या चेतन सभी तरह की चीजों को प्रभावित करता है।