भारत विभिन्न संस्कृतियों,जातियों, धर्मों वाला एक महान देश है। यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं। लेकिन इसी के साथ कई ऐसे शहर या गांव है जहां के लोग आज भी अपने पुराने धर्मो का पालन बखूवी से निभाते आ रहे है। आज इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे है जहां के लोग पिछले 40 से 45 सालों से लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं किया है। गांव में मौजूद सभी घरों में लहसुन-प्याज खाने से लोग दूरी रखते हैं।
बिहार के त्रिलोकी बिगहा नाम के गांव मे 45 साल से लहसुन और प्याज का नहीं करते है प्रयोग
इसका इतना खौफ है कि इसे बाजार से भी नहीं खरीदते हैं। जिस गांव का यहां जिक्र किया जा रहा है, वह बिहार के जहानाबाद के नजदीक है। जिसे त्रिलोकी बिगहा गांव के नाम से जाना जाता है। इस गांव में करीब 30 से 35 घर मौजूद हैं और यहां के सभी घरों में प्याज और लहसुन खाने की साफ मनाही है। यहां के सभी लोग बिना प्याज और लहसुन का खाना खाते हैं। लेकिन आप सोच रहे होगे कि आखिर लहसून और प्याज को खाने में डालने से खाने का स्वाद बढ़ जाता है लेकिन इस गांव में ऐसा क्या माजरा है जो लोग यहां लहसून और प्याज को बिल्कूल भी नहीं खाते। तो मैं आपको बता दू कि। इस परंपरा का पालन यहां के लोग लंबे समय से करते चले आ रहे हैं, गांव के बुजुर्गों की मानें तो गांव में ठाकुरबाड़ी का मंदिर मौजूद है जो कि सालों पुराना है और इसी मंदिर की वजह से लोगों ने लहसुन-प्याज से दूरी बना ली है।
लहसुन प्याज खाने से होती है यहां अनहोनी घटानाएं
उनका कहना है कि कई लोगों ने इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश की तो उनके घरों में कई तरह की अनहोनी देखी गई। इन घटनाओं के बाद यहां के लोगों ने लहसुन-प्याज खाना ही नहीं बल्कि बाजार से लाना भी छोड़ दिया। सिर्फ लहसुन और प्याज ही नहीं इस गांव में मांस और शराब जैसी चीजों की सख्त मनाही है।