वाराणसी में गंगा पर यूपी का पहला टेंट सिटी बसाया जा रहा है। योगी आदित्यानाथ के इस क्षेत्र में टेंट सिटी में पर्यटक फाइव स्टार होटल जैसी लग्जरी सुविधाए ले सकेगें। यह टेंट सिटी पर्यटको के लिए विशेष आकर्षण होगी। यह टेंट सिटी कई मायनों में खास होगी, जिससे पर्यटन को बढ़ाने की तैयारी है, लेकिन इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। टेंट सिटी को लेकर काशी के संतों और महंतों ने सवाल उठाए हैं। इसके बाद प्रशासन और संत आमने-सामने हैं। वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के महंत ने टेंट सिटी को लेकर कई ट्वीट किए है।
संकट मोचन मंदिर के महंत ने गंगापार रेत पर फैल रही गंदगी को लेकर उठहाए सवाल
उन्होंने ट्वीट के जरिए गंगापार रेत पर फैल रही गंदगी को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि 500 से ज्यादा श्रमिक काशी के गंगा रेत पर टेंट सिटी बनाने में लगे हैं। पूरी रेत को अपना शौचालय बना दिया दिया है।रेत मल से पटा हुआ है और गंगा के इस किनारे से दुर्गंध आ रही है। वहीं, कुछ संत बचाव में भी उतरे हैं। सतुआ बाबा आश्रम के महंत का कहना है, जो संत-महंत सवाल उठा रहे हैं उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि टेंट सिटी में संत-महंत रहते हुए कल्पवास करते हैं।
टेंट सिटी में गंदगी को लेकर VDA उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल क्या कहा
सालों से कुंभ के दौरान प्रयागराज में संगम तट पर टेंट सिटी बनाई जाती है। वहां भी लाखों लोग आते हैं। टेंट सिटी में संत महंत रहते हैं और कल्पवास करते हैं। वैसे ही अध्यात्म को यहां टूरिज्म से जोड़ा जा रहा है। इस टेंट सिटी में रहने वाले लोग यहां गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करेंगे और काशी के आध्यात्म में रंग जाएंगे। इसी बीच टेंट सिटी में गंदगी को लेकर VDA उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल का कहना है, वहां सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था है, जहां तक श्रमिकों के खुले में शौच की बात है, तो अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर हमारे पास शिकायत आती है, तो जांच करेंगे।