यदि आपके अंदर कुछ कर दिखाने का जुनून सवार हो तो आपको अपना लक्ष्य हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है। देश की बेटी साक्षी कोचर ने ये कहावत को सच साबित कर दिखाया है। साक्षी कोचर सबसे कम उम्र की कमर्शियल लाइसेंस पाने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। साक्षी ने महज 18 साल की उम्र में ये मुकाम हासिल किया है।
बचपन से था पायलट बनने का सपना
जिस उम्र में लोग सड़कों पर गाड़ी चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हैं, उस उम्र में साक्षी का हवाई जहाज उड़ाने का लाइसेंस बन गया है। साक्षी कोचर का जन्म 30 मई, 2005 को हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर परवाणू में हुआ था। उनके परिवार का जूते-चप्पल और कपड़ों का व्यापार है। लेकिन साक्षी ने तो बचपन से ही एक ही सपना देखा था और वो है हवा में उड़ने का। इसकी वजह से उनमें पायलट बनने का जुनून था और जीवन में कुछ बड़ा करने की ख्वाहिश थी।
पायलट बनने के लिए तोड़ा डांसर बनने का सपना
साक्षी को डांस करने का भी काफी शौक था लेकिन उन्होंने पायलट बनने का सपना पूरा करने के लिए डांस करना तक छोड़ दिया था। साक्षी राज्य स्तर पर हुई डांस प्रतियोगिता में उपविजेता भी रही हैं। पायलट बनने का सपना पूरा करने के लिए साक्षी ने कक्षा 12वीं में फिजिक्स और गणित विषयों के साथ साइंस विषय का विकल्प चुना।
मुंबई में पूरी की ट्रेनिंग और फिर अमेरिका पहुंचीं
फिर साक्षी ने अपने सपनों को उड़ान भरने के लिए मुंबई का रुख किया। उन्होंने मुंबई के स्काईलाइन एविएशन क्लब से कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) की ट्रेनिंग पूरी की। चार महीने की थ्योरी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद स्काईलाइन एविएशन क्लब ने साक्षी को अमेरिका में बड़े पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। अमेरिका जाकर साक्षी ने साढ़े सात महीने के भीतर ही ट्रेनिंग पूरी कर ली और अपने 18वें जन्मदिन पर साक्षी ने कमर्शियल पायलट लाइसेंस प्राप्त कर लिया।
इस तरह जाहिर की ख़ुशी
साक्षी ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि, “मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरा पालन-पोषण एक प्यारे परिवार में हुआ, जिसमें मेरे दादा-दादी, माता-पिता और एक बड़ा भाई शामिल हैं, जिन्होंने हमेशा मुझे अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।”