बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 महीने बाद अपनी पगड़ी उतार दी है। उन्होंने अयोध्या में सरयू नदी में डुबकी लगाकर मुरेठा खोला और अपना सिर मुंडवा लिया। सम्राट चौधरी का यह नया अवतार सबके लिए चौंकाने वाला है, लेकिन इसके पीछे की कहानी और भी दिलचस्प है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों सम्राट चौधरी ने यह कदम उठाया और क्या यह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाने के संकल्प का अंत है?
सम्राट चौधरी का अयोध्या दौरा
सम्राट चौधरी मंगलवार को अपने पूरे काफिले के साथ पटना से अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। बुधवार की सुबह सम्राट ने सरयू में स्नान किया और इस दौरान पूरे सरयू घाट पर जय श्री राम के नारे गूंजने लगे थे। सम्राट चौधरी ने सरयू में डुबकी लगाते हुए अपना मुरेठा खोला और अयोध्या में ही उन्होंने अपने सिर भी मुंडवाया। इस मौके पर उन्होंने अपने बाल भगवान राम के धाम में दान कर दिए।
सम्राट चौधरी ने ट्वीट कर साझा की जानकारी
अयोध्या से सरयू स्नान करते हुए सम्राट चौधरी ने तस्वीरें भी शेयर की हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए रामायण की चौपाई लिखी और बताया कि उन्होंने आज सुबह अयोध्या धाम में पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगाई और अपने इष्ट प्रभु श्रीराम की स्तुति कर मुरेठा खोला। इसके बाद सम्राट चौधरी ने राम मंदिर में माथा टेका और हनुमान गढ़ी के भी दर्शन किए।
नीतीश कुमार को हटाने के संकल्प की कहानी
सितंबर 2022 में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने एक संकल्प लेते हुए मुरेठा बांधा था। उस समय नीतीश कुमार आरजेडी के साथ गठबंधन में थे और बिहार के मुख्यमंत्री थे। तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे। उस दौरान सम्राट चौधरी ने संकल्प लिया था कि जब तक वे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाएंगे, तब तक वह यह पगड़ी नहीं खोलेंगे। हालांकि बाद में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और सम्राट चौधरी बिहार के उपमुख्यमंत्री बने।
विपक्ष की आलोचना
सम्राट चौधरी के मुरेठा खोलने को लेकर विपक्षी दलों में बयानबाजी शुरू हो गई है। आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद ने सम्राट से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि सम्राट को अपना संकल्प तोड़ते हुए पगड़ी खोलनी पड़ी है। क्या सत्ता की लालच में बीजेपी नीतीश कुमार के सामने पूरी तरह से नतमस्तक हो चुकी है? विपक्ष का कहना है कि सम्राट चौधरी ने अपने संकल्प को तोड़कर सत्ता की लालच का परिचय दिया है।
क्या पूरा हुआ सम्राट का सपना?
सम्राट चौधरी ने 21 महीने पहले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाने का संकल्प लिया था। हालांकि नीतीश कुमार आज भी बिहार के मुख्यमंत्री हैं और डिप्टी सीएम का पद सम्राट चौधरी के पास है। इससे यह साफ है कि उनका संकल्प पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ है।
भविष्य की राजनीति में क्या संभावनाएं?
बिहार की राजनीति में यह देखना दिलचस्प होगा कि सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार के बीच की यह राजनीतिक जंग किस ओर मोड़ लेती है। वर्तमान स्थिति में नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच गठबंधन से सम्राट चौधरी की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। सम्राट चौधरी का अयोध्या में पगड़ी खोलना और मुंडन करवाना भविष्य की राजनीति में नए संकेत दे सकता है।
सम्राट चौधरी का नया अवतार
सम्राट चौधरी के इस कदम ने हर किसी को चौंका दिया है। उनका नया अवतार और भगवान राम के प्रति उनकी आस्था का प्रदर्शन बिहार की राजनीति में उनके नए रूप को दर्शाता है।
सम्राट चौधरी का यह कदम बिहार की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे सकता है। नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी के बीच की यह राजनीतिक जंग आने वाले समय में और भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है। अब देखना यह होगा कि बिहार की राजनीति में ये नया कदम किस दिशा में ले जाता है।