कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना को अंतिम चेतावनी दी है कि अगर वे 31 मई तक भारत नहीं लौटते हैं, तो उन्हें विदेश से वापस लाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह चेतावनी प्रज्वल के कई महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना करने के संदर्भ में दी गई है। गृह मंत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रज्वल के भारत लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्रज्वल रेवन्ना की स्थिति
प्रज्वल रेवन्ना, जो पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं, पर कई महिलाओं के यौन शोषण के आरोप हैं। हासन लोकसभा क्षेत्र से सांसद प्रज्वल ने 27 अप्रैल को जर्मनी के लिए रवाना हो गए थे। यह घटना हासन में मतदान होने के एक दिन बाद की है। प्रज्वल ने हाल ही में एक वीडियो बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने विशेष जांच दल (SIT) के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
गृह मंत्री का बयान

गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, “हमने प्रज्वल को वापस लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखे हैं, उनके खिलाफ वारंट प्राप्त किया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय को सूचित कर दिया है। साथ ही, उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी करवा दिया गया है।”
प्रज्वल का वीडियो बयान

प्रज्वल रेवन्ना ने अपने वीडियो बयान में कहा है कि वह जल्द ही भारत लौटकर SIT के समक्ष पेश होंगे और जांच में पूरा सहयोग करेंगे। गृह मंत्री ने इस बयान के बाद स्पष्ट किया कि अगर प्रज्वल 31 मई तक नहीं लौटते हैं, तो उन्हें विदेश से वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
कानूनी प्रक्रिया और संभावित गिरफ्तारी
जी. परमेश्वर ने कहा, “अगर प्रज्वल 31 मई तक नहीं लौटते हैं, तो हम उन्हें वापस लाने के लिए सख्त कदम उठाएंगे। अगर वह लौटते हैं, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा और कानूनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रज्वल का देश लौटने का फैसला उचित है, क्योंकि कानून के शिकंजे से कोई नहीं बच सकता।
राजनयिक पासपोर्ट और राजनीतिक भविष्य

गृह मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि अगर प्रज्वल चुनाव हार जाते हैं, तो उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो जाएगी और उनका राजनयिक पासपोर्ट भी जब्त कर लिया जाएगा। यह स्थिति प्रज्वल के राजनीतिक भविष्य के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकती है। उन्होंने कहा, “प्रज्वल को यह समझना चाहिए कि कानून का पालन करना अनिवार्य है और कानून से बचने का कोई तरीका नहीं है।”
प्रज्वल के वापस आने का महत्व
प्रज्वल के भारत लौटने से कर्नाटक सरकार और SIT को जांच में मदद मिलेगी। यह उनकी निर्दोषता या दोष को सिद्ध करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। गृह मंत्री ने कहा, “हम देखेंगे कि 31 मई को क्या होता है।”
प्रज्वल रेवन्ना की स्थिति गंभीर है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। कर्नाटक सरकार ने उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है और यदि वे 31 मई तक भारत नहीं लौटते हैं, तो उन्हें विदेश से वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह मामला केवल प्रज्वल के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति और न्याय प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इस प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि कानून का पालन करना और न्याय प्रणाली का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है, चाहे वह किसी भी पद पर हो। प्रज्वल के लौटने और कानूनी प्रक्रिया के शुरू होने से उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की सच्चाई सामने आ सकेगी और न्याय प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।