डेरा साध्वी प्रमुख राम रहीम, जिन्होंने 21 नवंबर को रोहतक की सुनारिया जेल से बागपत के बरनावा आश्रम में पहुंचने का ऐलान किया था, वे आज फिर से जेल में लौट रहे हैं। उन्हें 21 दिनों की फर्लो की अवधि मिली थी, जिसका समापन हो गया है। इसके बाद, आज वह बागपत के बरनावा आश्रम से रोहतक की सुनारिया जेल में वापसी करेंगे और सरेंडर करेंगे।

संत गुरमीत राम रहीम को 21 दिनों की फर्लो मिलने के बाद उन्होंने अपने परिवार और सुनारिया जेल से बागपत आश्रम जाने का निर्णय लिया था। इस दौरान, उन्होंने अपने साथी साधकों और आश्रमवासियों के साथ समय बिताया और उनके साथ आत्मनिर्भरता एवं सामाजिक कार्यों का समर्थन किया।
आश्रम में बिताए इन 21 दिनों के दौरान, गुरुमीत राम रहीम ने अपने शिष्यों को धार्मिक शिक्षा दी और सामाजिक कार्यों में भी योगदान किया। इसके साथ ही, उन्होंने आपसी सद्भाव और एकता के सिद्धांतों पर बातचीत की और शांति एवं समर्थन का संदेश दिया।

फर्लो की अवधि समाप्त होने के बाद, आज उन्हें रोहतक की सुनारिया जेल में सरेंडर करना है। इस घड़ी में डेरा प्रमुख के चारों ओर सुरक्षाबलों की तड़पड़ बढ़ाई गई है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हो।
राम रहीम के बगैर उनके समर्थकों ने भी इस घड़ी को महत्वपूर्ण माना है और वे इसके चारों ओर भारी संख्या में मौजूद हैं। इस संदर्भ में, सुरक्षाबलों ने सुरक्षा उपायों को मजबूत किया है ताकि किसी भी प्रकार की आपत्ति से बचा जा सके।

इस घड़ी में सरकारी अधिकारी भी सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रख रहे हैं ताकि स्थिति नियंत्रित रहे और आम लोगों को किसी भी तरह का कोई असुरक्षित महसूस न हो। यह सुरक्षा व्यवस्था कई तरह की तकनीकी सुरक्षा उपायों को शामिल करती है जिसमें सीसीटीवी कैमरे, बॉम्ब डिस्पोज़ल टीम, और अन्य सुरक्षा क्षमताओं का उपयोग शामिल है।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के सरेंडर के बाद, उनके खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच और न्यायिक प्रक्रिया जारी रहेगी। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि इस समय किसी भी प्रकार की हलचल या असामान्यता का माहौल नहीं होने दें।