संसद के विशेष सत्र में नीट पेपर लीक और ईडी की कार्रवाई जैसे मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। संसद का यह विशेष सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक चल रहा है, जिसमें मोदी सरकार को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्ष का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि सोमवार को भी विपक्षी नेता मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।
विशेष सत्र का महत्व

देश में नई सरकार के गठन के बाद यह विशेष सत्र आयोजित किया गया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। इस सत्र की शुरुआत लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण से हुई। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र में अभिभाषण दिया। हालांकि, इसके बाद नीट पेपर लीक के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही विपक्ष ने भारी हंगामा किया।
नीट पेपर लीक का मुद्दा
नीट पेपर लीक का मामला इन दिनों राजनीतिक गलियारों में गर्म है। विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है और सरकार को घेरने की कोशिश की है। विपक्ष का आरोप है कि नीट पेपर लीक के पीछे सरकार की नाकामी है और इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और नीट परीक्षा की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर चिंता जाहिर की है।
ईडी की कार्रवाई पर हंगामा

नीट पेपर लीक के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर भी विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। विपक्ष का आरोप है कि ईडी का दुरुपयोग राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि ईडी की कार्रवाई में निष्पक्षता और पारदर्शिता की कमी है और इसका इस्तेमाल सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है।
चिराग पासवान का बयान
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नीट के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नीट मामले की जांच संबंधित एजेंसियां कर रही हैं और मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह गलत सोच प्रदर्शित कर रहा है और जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने की बजाय संसद में हंगामा कर रहा है। चिराग पासवान ने कहा कि अगर विपक्ष वास्तव में जनता के हित में काम करना चाहता है, तो उसे सदन को उपयुक्त तरीके से चलने देना चाहिए और बहस व चर्चा में भाग लेना चाहिए।
विपक्ष की रणनीति

विपक्ष ने इस सत्र में अपनी रणनीति को स्पष्ट कर दिया है कि वे नीट पेपर लीक और ईडी की कार्रवाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। विपक्ष का कहना है कि ये दोनों मुद्दे सीधे तौर पर जनता के हित से जुड़े हुए हैं और सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं। विपक्ष का मानना है कि नीट पेपर लीक का मामला छात्रों के भविष्य से जुड़ा है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। वहीं, ईडी की कार्रवाई को लेकर विपक्ष का कहना है कि इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और निष्पक्षता बरती जानी चाहिए।
संसद में हंगामे का असर
संसद में विपक्ष के इस हंगामे का असर साफ दिखाई दे रहा है। संसद की कार्यवाही बाधित हो रही है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। विपक्ष के इस हंगामे को लेकर सरकार भी चिंतित है और संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
संसद का यह विशेष सत्र राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। विपक्ष ने नीट पेपर लीक और ईडी की कार्रवाई जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन मुद्दों पर विपक्ष को कैसे जवाब देती है और संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या कदम उठाती है। विपक्ष का यह हंगामा कब तक जारी रहेगा और इसका राजनीतिक असर क्या होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो पाएगा।