पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा एयर स्टेशन लौटते समय सोमवार को एक मिग-29 (MiG-29 Fighter Jet) फाइटर रूटीन ट्रेनिंग मिशन उड़ा। लेकिन लौटते समय मिग-29 का वेंट्रल ड्रॉप टैंक उखड़ कर जंगलों में गिर गया। जिससे इलाके में दहशत फ़ैल गई।
मिग-29 का वेंट्रल ड्रॉप टैंक प्रशिक्षण अभियान के दौरान जंगल में गिर गया
जानकारी के मुताबिक, मिग-29 का वेंट्रल ड्रॉप टैंक प्रशिक्षण अभियान के दौरान पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में कलाईकुंडा वायुसेना स्टेशन के पास जंगल में गिर गया। अचानक आसमान से गिरा जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। जंगल में गिरने के कारण एक बड़ी अनहोनी टल गई। यदि ये आबादी क्षेत्र में गिरता तो बड़ा नुकसान हो सकता था।
मिग-29 विमान नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था
एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि, इस घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। मिग-29 विमान नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था। तभी ये हादसा हुआ। रक्षा अधिकारी ने कहा कि कलाईकुंडा वायुसेना स्टेशन लौटते समय वेंट्रल ड्रॉप टैंक निर्जन जंगल में गिर गया था। फिलहाल ड्रॉप टैंक का पता लगा लिया गया है और इसे नागरिक प्रशासन के समन्वय से केकेडी ले जाया गया है। विशेष टीम द्वारा घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
वेंट्रल ड्रॉप टैंक जंगल में गिरने के बाद सभी ग्रामीण जंगल की ओर दौड़े
ये घटना सोमवार दोपहर करीबन साढ़े तीन बजे के आसपास की है, जब इलाके का आसमान अचानक जोरदार आवाज से गुंज उठा। फिर ग्रामीणों ने देखा कि आसमान से कोई बड़ी सी वस्तु नीचे आते हुए दिख रही है। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। वेंट्रल ड्रॉप टैंक जंगल में गिरने के बाद सभी ग्रामीण जंगल की ओर दौड़े। वहाँ उन्होंने धातु से बना लम्बा आकार का टैंक जैसे वस्तु को गिरा हुआ देखा।
वेंट्रल ड्रॉप टैंक को जेट में एक्स्ट्रा फ्यूल के लिए लगाया जाता है
बता दें वेंट्रल ड्रॉप टैंक को जेट में एक्स्ट्रा फ्यूल के लिए लगाया जाता है। वेंट्रल ड्रॉप टैंक की वजह से फाइटर प्लेन की रेंज 2100 किलोमीटर हो जाती है। यानी यदि ये फ्यूल टैंक जेट में लगा हुआ है, तो वह करीब 700 से 800 किलोमीटर और लंबा उड़ सकता है। मिग-29 फाइटर जेट की 59 हजार फीट तक जाने की ताकत होती है।