अफगानिस्तान में लगातार आ रहे भूकंपों ने देश को अच्छूते हलात में डाल दिया है। इन आक्रमणों की तीव्रता इतनी बढ़ गई है कि अक्टूबर में ही हजारों लोगों की जान जा चुकी है और सम्पत्ति का भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। गत महीने, हेरात के क्षेत्र में एक 6.3 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था, जिससे लोगों को बड़ा क्षति हुआ।
इसके बाद से ही और भूकंप के झटके हुए हैं, जिससे हजारों लोगों की जान गई है और कई लोग घायल हो गए हैं। यह स्थिति अफगानी नागरिकों के लिए अत्यंत कठिनाईयों का सामना करने को मजबूर कर रही है। इस अवस्था में, गुरूवार रात को भारतीय समय के अनुसार 01:09 पर एक और तेज भूकंप का सामना किया गया, जिसकी तीव्रता 4.3 रिक्टर स्केल पर मापी गई। इससे लोगों में आबूदानी का माहौल है और डरपोक रहते हैं क्योंकि पिछले भूकंपों के बाद फिर से ऐसा हो रहा है।
7 अक्टूबर को हुए विनाशकारी भूकंप ने देश को हिला दिया था, जिससे बहुत सारे लोगों की जानें चली गई थीं और सम्पत्ति का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया था। इसके बाद से ही और भूकंप के झटके आ रहे हैं, जिससे लोगों को स्थायी भय है। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, जिसमें दरअसल 1 से 10 तक का एक माप होता है। इसमें तीव्रता के साथ-साथ भूकंप के असर का मूल्यांकन किया जाता है। भूकंप के रिक्टर स्केल के अनुसार तीव्रता का वर्णन करने के अनुसार, एक से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप हल्का होता है, जबकि 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप महसूसी क्षेत्र में तबाही ले आता है। इससे सामान्यत: यह पता चलता है कि तीव्रता बढ़ती है जब रिक्टर स्केल पर माप बढ़ता है।
इस समय, अफगानिस्तान में लोग इस संकट के साथ निपट रहे हैं और उन्हें सुरक्षित जगहों पर जाने का प्रयास कर रहे हैं। इस त्रासदी में, हम उन्हें सहानुभूति भेजते हैं और उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।
रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध?
0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो वे हमे सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आता है तो हल्का थरथराहट होता है।
3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो कोई ट्रक आपके पास से गुजर जाए, उतना असर होता है।
4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर जाने की सम्भावना होती हैं।
5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो फर्नीचर(टेवल कुर्सी हिल सकता है।
6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे अधिक रिक्टर स्केल पर भूकंप आते है तो पूरी तबाही हो सकती है। जैसे कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे पृथ्वी लहराते हुए दिखेगी। समंदर पास हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा शक्तिसाली होता है।