सुप्रीम कोर्ट ने गाजीपुर के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में बड़ी राहत दी है। उनकी दोषसिद्धि को रद्द कर दिया गया है, जिससे उनकी सांसदी बहाल हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा में मतदान में हिस्सा नहीं लेने की सुविधा और सुविधाओं का लाभ नहीं उठाने का निषेध किया है, लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अफजाल अंसारी की दोषसिद्धि को रद्द करने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। यह फैसला तीन जजों के संयुक्त फैसले के आधार पर किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अंसारी को लोकसभा में मतदान करने और सुविधाओं का लाभ उठाने की अनुमति नहीं है, लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने का हक है।

इस फैसले के बाद, अफजाल अंसारी को जो 2007 के गैंगस्टर अधिनियम में दोषी ठहराया गया था, उसमें राहत मिली है और उनकी सांसदी को बहाल किया गया है। उन्हें निस्तारण की अनुमति 30 जून 2024 तक दी गई है।

अफजाल अंसारी ने विशेष एमपी/एमएलए अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसमें उन्हें चार साल की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। गाजीपुर की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने उनको 29 नवंबर, 2005 को गाजीपुर के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णनंद राय की हत्या और 1997 में वाराणसी के व्यापारी नंद किशोर रूंगटा के अपहरण व हत्या मामले में दोषी ठहराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी की दोषसिद्धि को रद्द करने का फैसला करते हुए कहा कि इसके परिणामस्वरूप उन्हें लोकसभा में सदस्यता दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, लेकिन उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार दिया गया है। यह फैसला एक महत्वपूर्ण न्यायिक कदम है और अंसारी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।