अग्निवीर योजना की पृष्ठभूमि
जून 2022 में भारत सरकार ने एक नई सैन्य भर्ती योजना “अग्निवीर” की घोषणा की थी। इस योजना के तहत भारतीय सेना में युवाओं को केवल 4 साल के लिए सेवा देने का अवसर दिया जाता है। इस अवधि के बाद उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया जाता है और उन्हें सेवा निधि के रूप में एक पैकेज मिलता है। योजना के अंतर्गत पहले साल 4.76 लाख रुपये का पैकेज दिया जाता है, जो चौथे साल तक बढ़कर 6.92 लाख रुपये तक हो जाता है। यह योजना सेना की संख्या में कमी और पेंशन बिल कम करने के उद्देश्य से लागू की गई थी।
योजना का विरोध और मांगें
अग्निवीर योजना के लागू होने के बाद देशभर में इसका विरोध हुआ। प्रमुख कारण यह था कि 4 साल की सेवा समाप्त होने के बाद इन सैनिकों का भविष्य क्या होगा? विरोध के दौरान स्थायी भर्ती और अन्य सुविधाओं को लेकर कई मांगें उठीं। अब, लगभग दो साल बाद, केंद्र सरकार इस योजना में संशोधन करने की तैयारी कर रही है।
योजना में बदलाव की संभावनाएं
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इस योजना में बदलाव पर विचार कर रही है। खासतौर पर अग्निवीरों की स्थायी भर्ती के प्रतिशत को बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में, केवल 25% अग्निवीरों को 4 साल के बाद सेना में स्थायी रूप से शामिल किया जाता है। अब सेना की सिफारिश है कि इस आंकड़े को कम से कम 50% तक बढ़ाया जाए। सेना ने इस संबंध में फीडबैक और यूनिट सर्वे के बाद अपनी मांगें सरकार के सामने रखी हैं।
वेतन और योग्यता में भी हो सकता है बदलाव
सिर्फ स्थायी भर्ती ही नहीं, बल्कि वेतन और योग्यता की शर्तों में भी बदलाव किए जाने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि योजना के लाभों में सुधार लाने के लिए ये बदलाव जरूरी हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, ने अग्निवीर योजना को पूरी तरह से वापस लेने की मांग की है। वहीं, एनडीए सहयोगी दलों ने योजना की समीक्षा की मांग की है। बीजेपी को उन लोकसभा सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा है, जहां रक्षा कर्मचारियों की संख्या अधिक है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार योजना में बदलाव कर सकती है,
यह बदलाव अग्निवीर योजना को और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिससे युवाओं को अधिक अवसर और स्थायित्व मिल सकेगा।