हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर चुनावी सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। इस चुनावी मौसम में भाजपा की उम्मीदवार कंगना रनौत और कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। कंगना रनौत ने अपने तीखे और मुखर भाषणों से विपक्ष पर जोरदार हमले किए हैं। हाल ही में, एक सभा में कंगना ने विक्रमादित्य सिंह को “बिगड़ैल शहजादा” कहकर संबोधित किया और उन्हें पहाड़ी थप्पड़ मारने की धमकी दी।
विक्रमादित्य सिंह पर कंगना का प्रहार

कंगना रनौत ने सभा में कहा, “शर्म कर ले विक्रमादित्य, तुझे इतनी शर्म नहीं है। आज अगर तेरे पिताजी होते तो तुझे थप्पड़ लगाकर कहते कि माफी मांग… ऐसा बिगड़ा हुआ जो शहजादा है।” इस बयान के बाद कंगना ने विक्रमादित्य की मां पर भी टिप्पणी की, उन्होंने कहा, “शायद उनकी मां ने उन्हें महिलाओं का सम्मान करना नहीं सिखाया।” विक्रमादित्य सिंह, जो कि छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे हैं, के खिलाफ यह हमला बेहद तीखा था।
विक्रमादित्य सिंह का शुद्धिकरण वाला बयान
विक्रमादित्य सिंह ने एक बयान में कहा था कि कंगना रनौत ने जिन मंदिरों में दर्शन किए हैं, उनका शुद्धिकरण करना होगा। इस बयान के बाद कंगना रनौत ने अपने जवाब में विक्रमादित्य सिंह पर जोरदार प्रहार किया। कंगना ने कहा, “इसने बड़ी गलत बातें मुझे कही हैं। कांग्रेस वालों ने भी बोला कि हिमाचल की लड़कियों के रेट क्या हैं। मैं तो कहती हूं कि पहाड़ी लड़कियों के हाथों में कितना दम है।”
पहाड़ी थप्पड़ की धमकी
कंगना ने सभा में आगे कहा, “यहां ये चंपू दिखें तो ऐसा पहाड़ी थप्पड़ पड़ेगा कि लड़कियों के तो छोड़ो ये सब्जियों के भाव पूछना भूल जाएंगे। एक पहाड़ी चपेट अगर इनको पड़ गई।” कंगना ने अपनी स्पीच का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें उन्होंने यह सारी बातें कही थीं।
चुनावी माहौल और तनाव
हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान होना है। इसके अलावा, कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली हुई छह विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हो रहा है। इस चुनावी माहौल में कंगना और विक्रमादित्य के बीच की बयानबाजी ने तनाव को और बढ़ा दिया है।
काले झंडे और भाजपा की शिकायत

कंगना रनौत को लाहौल-स्पीति के काजा में स्थानीय लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए। इस घटना के बाद भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई। भाजपा ने निर्वाचन अधिकारियों के तबादले और इस घटना की जांच की मांग की है कि आखिर भाजपा और कांग्रेस दोनों को बिल्कुल पास में ही रैलियां करने की अनुमति कैसे दे दी गई।
राजनीतिक ध्रुवीकरण

कंगना रनौत के बयान और विक्रमादित्य सिंह के जवाब ने राजनीतिक माहौल को और ध्रुवीकृत कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में यह चुनाव केवल मुद्दों पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत हमलों और तंजों पर भी केंद्रित हो गया है। यह देखा जाना बाकी है कि इस तरह की बयानबाजी का चुनावी परिणामों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
राजनीति में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। कंगना रनौत का विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ तीखा प्रहार और विक्रमादित्य का शुद्धिकरण वाला बयान, दोनों ही इस चुनावी मौसम में चर्चा का विषय बने हुए हैं। यह चुनावी जंग न केवल राजनीतिक दलों के बीच है, बल्कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप की भी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हिमाचल प्रदेश के मतदाता इन बयानों को कैसे लेते हैं और इसका चुनावी परिणामों पर क्या असर पड़ता है।