जॉम्बी ड्रग का इस्तेमाल विश्वभर में एक गंभीर समस्या बन गया है। इसे यौन अपराधों में शामिल करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है। अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन में भी जॉम्बी ड्रग से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं, जिससे सामाजिक सुरक्षा को खतरा है।
जॉम्बी ड्रग का असली नाम “डायलेजिन” है, जो एक प्रकार की स्याथेटिक ड्रग है। यह ड्रग लोगों को हल्लाहट में डालने और उन्हें नियंत्रण से बाहर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके इस्तेमाल से व्यक्ति को एक जॉम्बी की तरह का अहसास होता है, जिससे उसकी सोचने और काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
यह ड्रग अक्सर ई-सिगरेट में मिलाकर या इंहेलर्स के रूप में उपयोग किया जाता है, जिससे इसका प्रभाव तेजी से होता है। इसे लेने के कुछ ही समय बाद व्यक्ति को उसका असर महसूस होता है, जिससे उसकी संवेदनशीलता कम हो जाती है और वह नियंत्रण में नहीं रह पाता है। यह अवस्था व्यक्ति को उसके आस-पास के लोगों के साथ अवैध यौन संबंध बनाने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे यौन अपराधों का खतरा बढ़ जाता है।
यूरोप में जॉम्बी ड्रग के उपयोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे सामाजिक सुरक्षा पर खतरा बढ़ रहा है। लंदन में भी कई मामले सामने आए हैं, जहां यौन अपराधी ई-सिगरेट में जॉम्बी ड्रग का इस्तेमाल कर विकलांग या अवसादग्रस्त लोगों के साथ अपराध कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार किया
है, लेकिन इस समस्या को समाप्त करने के लिए सामाजिक जागरूकता और कठोर कानूनी कार्रवाई की ज़रूरत है।वेपिंग या ई-सिगरेट के उपयोग को लेकर लोगों को सतर्क रहना चाहिए और अपराधियों की यह नई तकनीकों का इस्तेमाल करके अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। इससे पहले कि व्यक्ति ई-सिगरेट या अन्य धूम्रपान संबंधित उत्पादों का उपयोग करे, वह उनकी सत्यापित और विश्वसनीयता की जाँच करें। व्यक्ति को अपनी सुरक्षा को पहचानने के लिए सदैव सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनुभव में पुलिस की मदद लेनी चाहिए।