मुसीबत के समय इजराइल को अपने सबसे बड़े दोस्त अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल कल यानि बुधवार को पहुंचे हैं, जहां उन्होंने स्पष्ट किया है कि इजराइल जो मदद मांगेगा, उसे अमेरिका देगा। इसके साथ ही, अमेरिकी विमान भी इजराइल की समर्थन में हथियारों से भरा विमान इजराइल पहुंच गया है।
हमास के हमले के बाद इजराइल ने कड़ा पलटवार किया है और इस घड़ी में अमेरिका का समर्थन भी मिल रहा है। इस्त्राइली सुरक्षा बलों की मुख्यधारा में इजराइल के दौरे पर पहुंचने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “इजराइल जो मदद मांगेगा हम देंगे।” वह इस दौरे को इजराइल के साथ एकजुटता दिखाने और समर्थन प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। इस्राइल के डिफेंस फोर्स के मुताबिक, अमेरिका ने इजराइल के समर्थन में गोलाबारूद ले जाने के लिए विशेष विमानों का इस्तेमाल किया है। इन विमानों का उद्देश्य है इजराइल को सुरक्षित रखना और हमास के हमलों के खिलाफ सशक्त प्रतिक्रिया प्रदान करना है। इसी समय, एक भारी संख्या में हथियारों से भरा अमेरिकी विमान इजराइल पहुंच गया है।
इस्तान्बुल के हवाई अड्डे पर अमेरिकी विदेश मंत्री का स्वागत किया गया और उन्होंने स्पष्टता से जाहिर किया कि अगर इजराइल किसी भी प्रकार की मदद मांगता है, तो उसे वो मदद दी जाएगी। इसे लेकर इजराइल को आत्मनिर्भरता और समर्थन की जरूरत थी, जिसे अमेरिका ने दिखाया है।इजराइली और हमास के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, और अब एमेरिकी विदेश मंत्री का दौरा इस मामले में एक बड़ा कदम है। ब्लिंकन का इजराइल दौरा उनके समर्थन और एकजुटता की नीति को दिखाएगा, जो इस क्षेत्र में तनाव को शांति में बदलने का प्रयास करेगा।
बीते कुछ दिनों में हुए हमास के हमलों के बाद, इजराइल में और उसके आस-पास तनाव बढ़ा है। हमास ने पिछले 50 सालों में सबसे बड़ा हमला किया है और इससे इजराइल में बड़ी चुनौती पैदा हो रही है। इजराइल के सरकार ने इस पर कड़ा संभावना और पलटवार की बातें की हैं, और अब अमेरिकी समर्थन को मिलते हुए इजराइल ने तेजी से कड़े कदम उठाए हैं।
इस समय, इजराइल डिफेंस फोर्स के मुताबिक, अमेरिकी विमान नेबातिम एयरबेस पर उतरा है, जिसमें कम से कम 900 इजराइली मारे गए हैं और 2,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके बाद हवाई हमलों में 770 से अधिक फिलिस्तीनी मौके पर मारे गए हैं और उनसे 4,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं