स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट सहित कई मतदान केंद्रों पर कब्जा किया है। इसके साथ ही उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में मुलायम सिंह यादव द्वारा राहुल गांधी के पक्ष में 1,00,000 वोट डलवाने का दावा भी किया है।
अमेठी में 20 मई को मतदान होना है और इससे पहले स्मृति ईरानी ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग हमेशा से बूथ कैप्चरिंग की राजनीति करते आए हैं। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी की हार से गांधी परिवार को इतना दुःख क्यों होता है, जबकि वे खुद कहते थे कि स्मृति ईरानी की कोई औकात नहीं है। लेकिन हकीकत यह है कि जो लोग बूथ लूटते थे, वे एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता से हार गए।
स्मृति ईरानी ने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जब राजीव गांधी के खिलाफ महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी ने चुनाव लड़ा था, तब कांग्रेस ने 97 बूथों पर कब्जा कर लिया था। यह रिपोर्ट कांग्रेस के पुराने और घटिया राजनीतिक तरीकों का प्रमाण है।
उन्होंने मुलायम सिंह यादव पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने 2014 के चुनावों में राहुल गांधी के पक्ष में 1,00,000 वोट डलवाए थे। स्मृति ईरानी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने खुद एक इंटरव्यू में इस बात को ऑन रिकॉर्ड कहा था कि सोनिया गांधी ने उनसे 1,00,000 वोट राहुल गांधी के पक्ष में डलवाने का अनुरोध किया था।
यह सब आरोप एक ऐसे समय में सामने आए हैं जब 20 मई को अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर मतदान होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सात चरणों में वोटिंग हो रही है और 4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना होगी। ऐसे में इन आरोपों से चुनावी माहौल और भी गरमा गया है।
स्मृति ईरानी का कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला सिर्फ वोटिंग रणनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर बूथ लूटने के आरोप भी लगाए हैं। यह आरोप काफी गंभीर हैं और इन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि स्मृति ईरानी के ये आरोप सत्य साबित होते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा।
स्मृति ईरानी ने अपने आरोपों के माध्यम से यह साबित करने की कोशिश की है कि कांग्रेस ने हमेशा से चुनावों में धांधली की है और उनके कार्यकर्ता बूथ कैप्चरिंग जैसे अनैतिक तरीकों का सहारा लेते रहे हैं। यह आरोप कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, खासकर जब चुनावी माहौल पहले से ही गर्म है।
स्मृति ईरानी का दावा है कि कांग्रेस ने हमेशा से ही अमेठी को अपनी जागीर समझा है और वहां पर अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह सब बातें साबित करती हैं कि कांग्रेस ने किस प्रकार से लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की है।
अमेठी लोकसभा सीट पर इस बार भी कड़ा मुकाबला होने वाला है। स्मृति ईरानी के इन आरोपों के बाद देखना होगा कि कांग्रेस किस प्रकार से अपनी सफाई देती है और इन आरोपों का जवाब देती है। यह चुनावी माहौल को और भी गर्म करेगा और जनता की नजर अब इन आरोपों और उनके जवाबों पर होगी।
यह भी देखने वाली बात होगी कि क्या स्मृति ईरानी के इन आरोपों से चुनावी परिणाम पर कोई असर पड़ेगा। जनता के बीच इन आरोपों की क्या प्रतिक्रिया होगी, यह भी महत्वपूर्ण होगा। चुनावी राजनीति में इस प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप आम हैं, लेकिन इनका सही और सटीक प्रमाण भी होना चाहिए।
अंततः, स्मृति ईरानी के इन आरोपों ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है और अब देखना होगा कि इस पर कांग्रेस और गांधी परिवार की क्या प्रतिक्रिया होती है। जनता की नजरें अब 20 मई को होने वाले मतदान पर हैं, जहां वे अपने वोट के माध्यम से अपनी राय व्यक्त करेंगे।