अमित शाह के बयान के बाद ताजगी हो रही है! उन्होंने बिहार में रैली के दौरान लालू यादव के मजबूत MY वोट बैंक और नीतीश कुमार के जातिगत सर्वे पर निशाना साधा है। शाह ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी, तब जाति आधारित सर्वेक्षण का निर्णय लिया गया, लेकिन जब परिणाम आया, तो उन्होंने मुस्लिमों और यादवों की संख्या बढ़ी हुई दिखाने और ईबीसी का आंकड़ा कम दिखाने की साजिश की।
यह बयान नीतीश कुमार के MY वोटबैंक को लेकर बड़े सवाल उठाता है, और इससे हो रहे राजनीतिक उठापटक का संकेत है। शाह ने लालू यादव की गोद में बैठे नीतीश कुमार को आलोचना की और उन्हें जातिगत सर्वे में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया।
उनका तर्क है कि नीतीश कुमार ने लालू यादव के दबाव में झुक गए हैं, क्योंकि लालू जाति से हैं और उनकी पार्टी RJD मुख्य रूप से मुस्लिम मतदाताओं पर भरोसा रखती है। इससे सामने आ रहा है कि बिहार में इस्राइल-हमास वार के बाद भी राजनीतिक ताक़तें जाति आधारित आरक्षण और वोटबैंक को लेकर संघर्ष कर रही हैं।
यह बयान नीतीश कुमार के MY वोटबैंक को लेकर बड़े सवाल उठाता है, और इससे हो रहे राजनीतिक उठापटक का संकेत है। शाह ने लालू यादव की गोद में बैठे नीतीश कुमार को आलोचना की और उन्हें जातिगत सर्वे में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया।
उनका तर्क है कि नीतीश कुमार ने लालू यादव के दबाव में झुक गए हैं, क्योंकि लालू जाति से हैं और उनकी पार्टी RJD मुख्य रूप से मुस्लिम मतदाताओं पर भरोसा रखती है। इससे सामने आ रहा है कि बिहार में इस्राइल-हमास वार के बाद भी राजनीतिक ताक़तें जाति आधारित आरक्षण और वोटबैंक को लेकर संघर्ष कर रही हैं।