आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSR कांग्रेस को एक और झटका लगा है, जब उनके निर्माणाधीन पार्टी कार्यालय पर बुलडोजर चलाया गया। यह घटना तब घटी जब YSR कांग्रेस को हाल ही में हुए चुनाव में भारी पराजय का सामना करना पड़ा है। इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक नई हलचल मचा दी है और वाईएसआरसीपी ने इसे बदले की राजनीति का हिस्सा बताया है।
बुलडोजर चलने की घटना
शनिवार को तडेपल्ली में निर्माणाधीन YSR कांग्रेस कार्यालय भवन को ध्वस्त करने की प्रक्रिया सुबह 5:30 बजे शुरू हुई। कड़ी सुरक्षा के बीच, अमरावती राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस इमारत को कुछ ही दिनों में बनकर तैयार होना था, लेकिन खुदाई मशीनों और बुलडोजरों की मदद से इसे गिरा दिया गया।
YSR कांग्रेस का आरोप

वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने इस कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है। उनका कहना है कि वाईएसआरसीपी ने सीआरडीए की प्रारंभिक कार्रवाइयों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अदालत ने विध्वंस गतिविधियों को रोकने का आदेश दिया था। हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए सीआरडीए ने इस निर्माणाधीन इमारत को ध्वस्त कर दिया।
पहले भी हुई कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब वाई एस जगन मोहन रेड्डी को इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ा है। इससे पहले हैदराबाद महानगर निगम (जीएचएमसी) ने जगन के लोटस पॉन्ड आवास के पास फुटपाथ पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। यह कार्रवाई जगन के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के 10 दिन बाद की गई थी। जीएचएमसी के अधिकारियों ने बताया कि इन अवैध निर्माणों का उपयोग सुरक्षाकर्मियों द्वारा किया जा रहा था।
राजनीति का मोड़
वाई एस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSR कांग्रेस को हाल ही में हुए चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। सत्ता से बाहर होने के बाद, इस प्रकार की घटनाएं राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दे रही हैं। जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह विध्वंस कार्य राजनीतिक द्वेष के कारण किया गया है।
न्यायालय की भूमिका

इस मामले में न्यायालय की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। YSR कांग्रेस का दावा है कि उन्होंने अदालत से विध्वंस कार्य को रोकने का आदेश प्राप्त किया था। यदि यह सच है, तो इस आदेश की अवमानना करते हुए विध्वंस कार्य करना न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। यह मामला अब उच्च न्यायालय में जाएगा और न्यायालय के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
जनता की प्रतिक्रिया
जनता के बीच इस घटना ने एक नई बहस छेड़ दी है। समर्थक और विरोधी दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं। वाईएसआरसीपी के समर्थकों का कहना है कि यह एक साजिश है और पार्टी को बदनाम करने की कोशिश है, जबकि विपक्षी दलों का मानना है कि यह कार्रवाई कानून के अनुसार है और अवैध निर्माण को ध्वस्त करना जरूरी था।
आंध्र प्रदेश की राजनीति में यह घटना एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। वाई एस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSR कांग्रेस के निर्माणाधीन कार्यालय पर बुलडोजर चलाने की घटना ने राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण को और बढ़ा दिया है। अदालत की भूमिका और आदेश की अवमानना के आरोप इस मामले को और भी जटिल बना रहे हैं। अब देखना यह है कि उच्च न्यायालय का फैसला क्या आता है और इसका राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है। जनता की नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं और उम्मीद है कि न्यायालय इस मामले में उचित न्याय करेगा।