APEC का समर्थन, शी जिनपिंग और बाइडेन की मुलाकात से तनाव कम होने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, दोनों नेता क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक विकास पर भी चर्चा कर सकते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) समूह की बैठक चल रही है, जिसमें 21 देश शामिल हैं। 15 नवंबर को APEC शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की मुलाकात होगी। इस मुलाकात से पहले, दोनों नेता ने बाली, इंडोनेशिया में APEC शिखर सम्मेलन में भी मिले थे। इस मुलाकात के माध्यम से दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की कवायद की जा रही है, और यह सार्थक है, क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच कई विवाद हैं।
दोनों नेता एक साल के इंतजार के बाद फिर से मिलेंगे, और इस मुलाकात को बड़ी महत्वपूर्णता दी जा रही है। चीन और अमेरिका के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जैसे कि ताइवान, व्यापार, मानवाधिकार, और क्षेत्रीय सहयोग। इन मुद्दों पर सहमति प्राप्त करने का प्रयास किया जा सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध में सुधार हो सकता है।
APEC का मकसद एक साथी आर्थिक समृद्धि का संचार करना है, और इसमें 21 देशों को शामिल किया गया है। इस समूह ने क्षेत्रीय आर्थिक विकास और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। शी जिनपिंग और बाइडेन की मुलाकात के माध्यम से इस संगठन की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है, जो क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारत भी APEC का सदस्य बनने के लिए प्रयासरत है, और इसका मकसद आर्थिक उदारीकरण और विकास में योगदान करना है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से उच्च स्तरीय चर्चाओं में शामिल होकर, भारत अपने उद्दीपन को बढ़ा रहा है और विश्व सामंजस्य बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।
इस पूरे संदेश की सार्थकता यह है कि दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में राजनीतिक और आर्थिक संबंधों में वार्ता करना और साथीपन बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि सभी देश सामंजस्य और सहयोग से समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो सकें।