पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश और पूरे एशिया के खेल प्रेमियों के दिलों में जगह बना ली। उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने उन्हें रातों-रात हीरो बना दिया, और उनकी तारीफों के पुल बांधे जाने लगे। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर ने इस चमकदार छवि को धूमिल कर दिया है। यह तस्वीर एक विवाद को जन्म दे रही है, जिसमें अरशद नदीम लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हैरिस डार के साथ बैठे नजर आ रहे हैं।
तस्वीर जिसने मचाया हंगामा
इस तस्वीर में अरशद नदीम, जो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं, एक कुख्यात आतंकवादी के साथ दिखाई दे रहे हैं। हैरिस डार, जो मिल्ली मुस्लिम लीग (MML) के संयुक्त सचिव हैं, एक ऐसा व्यक्ति है जिसने लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम किया है। यह वही लश्कर-ए-तैयबा है जो भारत में कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद, भारतीय प्रशंसकों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी कड़ी आलोचना हो रही है।
कौन है हैरिस डार?
हैरिस डार न केवल मिल्ली मुस्लिम लीग के साथ जुड़ा है, बल्कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के लिए भी काम किया है। लश्कर-ए-तैयबा एक कुख्यात आतंकवादी संगठन है, जिसे कई देशों ने आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया है। 2016 में हैरिस डार ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी और बम बनाने में भी माहिर माना जाता है। इसके अलावा, उसने कई बार भारत विरोधी बयान भी दिए हैं और कश्मीर की तुलना अफगानिस्तान से की है। यह संगठन हाफिज सईद द्वारा स्थापित किया गया है, जो मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है।
अमेरिका ने भी माना आतंकी
हैरिस डार को 2018 में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित कर दिया था। यह एक ऐसा व्यक्ति है जिसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश ने खतरनाक माना है, और अब वह एक ओलंपिक विजेता के साथ तस्वीर में नजर आ रहा है। इस तरह की तस्वीरें न केवल अरशद नदीम की छवि को धूमिल कर रही हैं, बल्कि पाकिस्तान की भी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही हैं।
अरशद नदीम पर फैंस का गुस्सा
जब यह तस्वीर सोशल मीडिया पर आई, तो भारतीय फैंस ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। नीरज चोपड़ा, जो ओलंपिक में अरशद के प्रतिद्वंद्वी थे, के समर्थकों ने इस तस्वीर पर कड़ा विरोध जताया। नीरज चोपड़ा की मां ने अरशद को अपने बेटे जैसा बताया था, लेकिन इस तस्वीर के बाद उन्हें भी निराशा का सामना करना पड़ा। इस घटना ने भारतीय प्रशंसकों के दिलों में गहरी चोट दी है, क्योंकि जिस व्यक्ति को उन्होंने एक एथलीट के रूप में सराहा, वह अब एक आतंकवादी से जुड़े होने का संकेत दे रहा है।
पाकिस्तान में अरशद का स्वागत
अरशद नदीम की ओलंपिक जीत के बाद पाकिस्तान में उनका जोरदार स्वागत किया गया। पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने उन्हें 10 करोड़ रुपये का चेक और एक कार भेंट की, जिसका नंबर प्लेट 9297 था। इस नंबर प्लेट का खास महत्व है, क्योंकि अरशद ने 92.97 मीटर का थ्रो कर ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन इस सम्मान के साथ-साथ अब यह विवाद भी जुड़ गया है, जिसने अरशद की उपलब्धियों पर एक काला धब्बा छोड़ दिया है।
अरशद नदीम की ओलंपिक जीत पर पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के खेल प्रेमियों ने उन्हें सराहा था। लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के साथ उनकी तस्वीर ने इस सारी प्रशंसा को विवादों में बदल दिया है। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या खेल और राजनीति को अलग रखा जा सकता है? क्या एक ओलंपिक विजेता को एक आतंकवादी संगठन से जुड़े व्यक्ति के साथ जुड़ने की इजाजत होनी चाहिए? यह विवाद न केवल अरशद नदीम की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि यह पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी धूमिल कर रहा है।
अरशद नदीम के लिए यह समय एक सावधानी भरा है, जहां उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि उनका सम्मान किसके हाथों हो रहा है। उन्हें यह समझना होगा कि उनकी हरकतों का असर न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन पर, बल्कि उनके देश की छवि पर भी पड़ता है। इस विवाद से उबरने के लिए उन्हें सही कदम उठाने की जरूरत है, ताकि वह एक बार फिर से अपने खेल कौशल के लिए पहचाने जाएं, न कि विवादों के लिए।