अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयानों से राजनीतिक घमासान में नया मोड़ आया है। गांधी ने केजरीवाल को “डरा हुआ तानाशाह” और “एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहने वाला” बताया है। उनका कहना है कि ऐसी कार्रवाई लोकतंत्र के मौजूदा स्वरूप को कमजोर करती है और देश की लोकतंत्रिक प्रक्रियाओं को खतरे में डालती है।
इसके साथ ही, गांधी ने कहा कि इस तरह के कदम लोकतंत्र के लिए असुरक्षा हैं और उन्हें लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ देखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई देश की लोकतंत्रिक संस्थाओं के साथ-साथ विपक्षी दलों पर भी दबाव डालती है।
दिल्ली में इस घटना के बाद AAP के नेताओं और समर्थकों का हुजूम जुटा है। सीएम आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि इस घटना ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव को भी बढ़ा दिया है।
इसके साथ ही, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने लिखा है कि राजनीतिक विपक्ष के साथ-साथ देश की लोकतंत्रिक संस्थाओं पर दबाव डालने का काम किया जा रहा है। उन्होंने इसे “शर्मनाक दृश्य” बताया है और कहा है कि यह देश की लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सभी विपक्षी दलों और नेताओं ने ED की इस कार्रवाई का विरोध किया है। उन्हें यह एक प्रयास समझा जा रहा है कि लोकतंत्र को खतरे में डालने वाले कदमों के खिलाफ सामूहिक रूप से आवाज उठाई जाए।
इस समय, देश में राजनीतिक घमासान तेजी से बढ़ रहा है और इसमें विपक्षी दलों की कड़ी आपसी आमने-सामने भी शामिल है। केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह तो प्रतीत होता है कि भारतीय राजनीति में नए मोड़ आने वाले हैं और इसके परिणामस्वरूप आने वाले समय में और भी उत्तेजना और घमासान हो सकते हैं।