जीतन राम मांझी ने शनिवार को बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि उनके अनुसार बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह असफल है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार आती है तो वह या तो गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कानून लाएंगे या उसे वापस लेंगे।
पत्रकारों के साथ चर्चा करते हुए, मांझी ने शराबबंदी कानून के तहत जेल में बंद लोगों की बात की और कहा कि इसमें अधिकांश दलित और गरीब हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जुर्माना देने का प्रावधान होने के बावजूद, बहुतेरे लोग इसे खोलने के लिए जेल चला जाते हैं, क्योंकि रोजगार की कमी के चलते 400-500 रुपए कमाने वाले लोग इसे उचित नहीं मानते।
उन्होंने कहा कि बिहार का शराबबंदी कानून सही नहीं है और अगर उनकी सरकार आती है तो या वह गुजरात की तर्ज पर इसे लागू करेंगे या उसे खुला छोड़ देंगे। उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका दलित प्रेम छलावा है और जदयू के भीम संसद में भी मंत्री रत्नेश सदा को बोलने नहीं दिया जाता है।
मांझी ने इस तरह की गिरावटों के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है और दिसंबर में दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने का प्लान बताया है। इसके साथ ही, उन्होंने ने दिसंबर के महीने में पटना में एक महासम्मेलन का आयोजन करने की भी घोषणा की है।