ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने जारी किए गए एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट के बारे में अपने पक्ष की बताई है कि यह रिपोर्ट मुकदमे का एक हिस्सा है, और पूरी तरह से ज्ञानवापी का फैसला नहीं है. समिति ने बताया कि मस्जिद मुसलमानों की आस्था से जुड़ी है और उन्हें यह पूरी यकीन है कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट इस आस्था को समझने में मदद करेगी।

ज्ञानवापी मस्जिद समिति के सचिव, मोहम्मद यासीन, ने बताया कि यह सिर्फ एक रिपोर्ट है और इसमें कोई फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर होने वाले न्यायिक आदेश के बाद ही समिति अपने विचार प्रस्तुत करेगी।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाले समिति के सचिव मोहम्मद यासीन ने बताया कि रिपोर्ट केवल एक जांच है और इसमें कोई निर्णय नहीं है। उन्होंने कहा कि वे अब यह जांच रिपोर्ट पूरी तरह से अध्ययन करेंगे और फिर अपने पक्ष की ओर से विचार रखेंगे।
समिति ने यह भी कहा है कि वे उच्चतम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं और जब यह सुनवाई होगी, तो वे अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
“गिरिराज सिंह का बयान”

भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं और कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का स्थान हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा करने के लिए सावधानी बरतने का भी आग्रह किया है।
“मुकदमे की रिपोर्ट के अनुसार”

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने रिपोर्ट को लेकर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। उनके अनुसार, रिपोर्ट यह साबित करती है कि मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर किया गया था। इसके अलावा भी कई साक्ष्यों के बारे में उनका दावा है जो इसे सिद्ध करते हैं कि मस्जिद के निर्माण में पहले से मौजूद मंदिर के अंशों का इस्तेमाल हुआ था।
उन्होंने रिपोर्ट में मिले साक्ष्यों के बारे में बताया कि मंदिर के अस्तित्व को साबित करने वाले बहुत से सबूत हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में मस्जिद के निर्माण में पहले से मौजूद मंदिर के स्थल के स्तंभों और भित्ति स्तंभों का अध्ययन किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि वहां मस्जिद का निर्माण किया गया था।
“अदालती सुनवाई का इंतजार”
हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील मदन मोहन यादव ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर अदालती सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि रिपोर्ट के आधार पर न्यायिक आदेश होगा। उन्होंने कहा कि वे अदालत में अपने सबूत प्रस्तुत करके अपने पक्ष की रक्षा करेंगे।
इसके अलावा, ज्ञानवापी मस्जिद समिति के सचिव ने भी यह बताया है कि वे अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए उच्चतम न्यायालय में प्रतीक्षा कर रहे हैं और वहां सुनवाई होने पर वे अपने पक्ष की पूरी तरह से रक्षा करेंगे।
अधिकारिक स्रोतों के अनुसार, इस मुद्दे पर आगामी छह फरवरी को अदालत में अगली सुनवाई होगी जिसमें न्यायिक आदेश के बाद मामले की आगे की प्रक्रिया होगी।