पूर्वोत्तर के इस सबसे बड़े राज्य असम में सरकार ने एक दशकों पुराने कानून को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। इस नए आदेश के अनुसार, अब सभी सरकारी कर्मचारी बिना सरकार की अनुमति के दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे। इस निर्णय के बाद, सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी के लिए सरकार से अनुमति प्राप्त करना होगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा है कि इस पुराने कानून को पुनः सक्रिय करने से सरकार को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
उन्होंने कहा कि कई मामलों में कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनकी एक से अधिक पत्नियां फैमिली पेंशन के लिए दावा करती हैं जिससे सरकार को कठिनाई होती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह निर्णय सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए है और इसे सख्ती से पालन किया जाएगा।
इसके तहत, मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों पर भी यह नियम लागू होगा, और अगर कोई कर्मचारी इसे अनवार्य मानता है तो उसके खिलाफ डिपार्टमेंटल एक्शन लिया जाएगा। इस निर्णय के साथ ही सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसके अनुसार नए निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। यह फैसला असम सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 26 के प्रावधानों के तहत लिया गया है।
नियमों के उल्लंघन के परिणामस्वरूप, विभागीय कार्यवाही और अनिवार्य सेवानिवृत्ति की संभावना है।इस नए कदम से सरकार ने समाज में न्याय और उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, लेकिन इसके प्रभाव का सटीक आकलन करने के लिए समय की आवश्यकता है।