बांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति ने एक बड़ा फैसला लिया है। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया गया है। इस दौरान सेना की तरफ से भी एक अहम अपडेट आया है कि मंगलवार सुबह तक कर्फ्यू हटा दिया जाएगा और स्कूल एवं व्यवसाय फिर से खुलेंगे।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति
बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके चलते उन्हें इस्तीफा देकर देश छोड़कर जाना पड़ा। हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए। हालात इतने बिगड़ गए कि सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा और कर्फ्यू लगाना पड़ा।
राष्ट्रपति का बड़ा फैसला
राष्ट्रपति ने इस मुश्किल समय में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। खालिदा जिया, जो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की नेता हैं, को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजा गया था। उनकी रिहाई से देश की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना है।
सेना का बयान
सेना ने कहा है कि बांग्लादेश में मंगलवार सुबह कर्फ्यू हटा दिया जाएगा। इसके बाद स्कूल और व्यवसाय फिर से खुल जाएंगे। सेना ने यह भी कहा है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और भरोसा दिलाया है कि देश में जल्द ही स्थिरता लौटेगी।
शेख हसीना का इस्तीफा और उनका भविष्य
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ दिया। उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने कहा कि उनकी मां अब राजनीति में नहीं लौटेंगी। ‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस’ पर ‘न्यूजआवर’ को दिए एक इंटरव्यू में जॉय ने कहा कि उनकी मां ने परिवार के आग्रह पर अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि हसीना 15 साल तक बांग्लादेश पर शासन करने के बाद बहुत निराश हैं कि लोग उनके खिलाफ उठ खड़े हुए।
हसीना के बेटे का बयान
सजीब वाजेद जॉय ने कहा कि उनकी मां ने बांग्लादेश को बदल दिया है। जब उन्होंने सत्ता संभाली थी, तो इसे एक असफल राष्ट्र माना जाता था। यह एक गरीब देश था, लेकिन आज इसे एशिया के उभरते देशों में से एक माना जाता है। हसीना की निराशा को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “वह बहुत निराश हैं कि उनकी इतनी मेहनत के बाद भी लोग उनके खिलाफ उठ खड़े हुए।”
राजनीतिक और सामाजिक असर
शेख हसीना के इस्तीफे और खालिदा जिया की रिहाई के बाद बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। जनता के बीच असंतोष और हिंसक प्रदर्शनों ने सरकार की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, खालिदा जिया की रिहाई से बीएनपी समर्थकों में नई उम्मीद जागी है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बांग्लादेश की राजनीति किस दिशा में जाती है।
प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच टकराव
रविवार को हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच टकराव हुआ। पुलिस और ज्यादातर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए। सरकार पर प्रदर्शनकारियों से निपटने में सख्ती बरतने के आरोप लगे, लेकिन हसीना के बेटे जॉय ने इन आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर मार डाला गया है, केवल कल ही 13 की मौत हुई। जब भीड़ लोगों को पीट-पीटकर मार रही हो, तो आप पुलिस से क्या उम्मीद करते हैं?”
बांग्लादेश में मौजूदा संकट के बीच राष्ट्रपति का खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश और सेना का कर्फ्यू हटाने का फैसला एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इससे देश में स्थिरता लौटने की उम्मीद है। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश की राजनीति में नए बदलाव की संभावना है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन कदमों का देश की राजनीति और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।