माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल सर्वर डाउन होने के कारण दुनियाभर के देशों में कई दिनों तक समस्याएं झेलनी पड़ेंगी। कंपनी अभी तक इस समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं निकाल पाई है, जिससे यूजर्स को निरंतर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट 365 विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में आई खराबी ने बैंकिंग से लेकर पेमेंट तक की सेवाओं को प्रभावित किया है। आइए जानते हैं कि इस समस्या से निपटने के लिए एक्सपर्ट क्या समाधान सुझा रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट की स्थिति
माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि उन्होंने सिस्टम को ठीक कर लिया है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेटिंग सिस्टम की समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। कंपनी अपनी विंडोज का वर्जन बदलने की योजना बना रही है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके। हालांकि, साइबर सिक्योरिटी फर्म क्राउडस्ट्राइक ने अपने फाल्कन सेंसर सॉफ्टवेयर को अपडेट किया, जिससे माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन हो गया। अब, सवाल उठता है कि कैसे दुनियाभर में खराब हुए सिस्टम को रिकवर किया जाएगा।
विशेषज्ञों के सुझाए गए समाधान
1. सेफ मोड में स्टार्ट करें:
आईटी विशेषज्ञों के अनुसार, कंप्यूटर यूजर्स अपने सिस्टम को सेफ मोड में स्टार्ट करें। सेफ मोड में स्टार्ट करने से सिस्टम में चल रही अनावश्यक प्रक्रियाएं बंद हो जाती हैं और केवल आवश्यक ड्राइवर और सेवाएं ही चालू रहती हैं।
2. क्राउडस्ट्राइक अपडेट फाइल को डिलीट करें: सेफ मोड में स्टार्ट करने के बाद, यूजर्स को क्राउडस्ट्राइक की अपडेट फाइल को डिलीट करना होगा। फाइल डिलीट होने के बाद सिस्टम को री-स्टार्ट करें। यह प्रक्रिया सिस्टम को स्थिर बना सकती है।
3. रिकवरी मोड का उपयोग:
एक और तरीका है जिसमें कंप्यूटर को रिकवरी मोड में लाया जा सकता है। अगर कंप्यूटर रिकवरी मोड में है तो अपडेट से पहले बनी फाइल को रिकवर करके विंडो को ठीक किया जा सकता है। हालांकि, इस प्रक्रिया में डेटा का नुकसान हो सकता है।
4. वेबसाइट पर अपडेट चेक करें:
कंप्यूटर यूजर्स को क्राउडस्ट्राइक की वेबसाइट पर लगातार अपडेट चेक करते रहना चाहिए। इससे उन्हें नए समाधान और सुधारों के बारे में जानकारी मिलती रहेगी।
एयरलाइंस पर सबसे ज्यादा असर

भारत में इस आउटेज का सबसे ज्यादा असर एयरलाइंस पर देखा गया। शुक्रवार को दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट के सिस्टम क्रैश हो गए, जिससे हवाई अड्डों, एयरलाइनों, बैंकों, मीडिया आउटलेट्स और स्वास्थ्य सेवाओं का काम प्रभावित हुआ। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु समेत पूरे देश के एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी गई। एयरलाइन्स की चेक-इन जैसी ऑनलाइन सर्विसेज प्रभावित हुईं, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हुई।
बैंकिंग और पेमेंट सेवाओं पर असर

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर डाउन होने के कारण बैंकिंग और पेमेंट सेवाएं भी प्रभावित हुईं। बैंकिंग सेवाओं में लेन-देन में देरी हुई और पेमेंट गेटवे में समस्याएं आईं। हालांकि, बैंकिंग क्षेत्र में इसका असर एयरलाइंस के मुकाबले कम देखा गया, लेकिन फिर भी यूजर्स को असुविधा का सामना करना पड़ा।
स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव
स्वास्थ्य सेवाओं पर भी माइक्रोसॉफ्ट आउटेज का असर देखा गया। अस्पतालों और क्लीनिक्स में रिकॉर्ड्स एक्सेस करने में दिक्कतें आईं। ई-स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुईं, जिससे मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि, अस्पतालों ने अपने बैकअप सिस्टम का उपयोग करके सेवाओं को बनाए रखने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी आउटेज के कारण कुछ असुविधाएं हुईं।
एक्सपर्ट्स की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए बड़ी कंपनियों को अपने सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट और मॉनिटर करना चाहिए। इसके अलावा, बैकअप सिस्टम और डेटा रिकवरी प्लान तैयार रखना चाहिए ताकि किसी भी तकनीकी समस्या के समय उन्हें तुरंत लागू किया जा सके। साइबर सुरक्षा फर्मों को भी अपने सॉफ्टवेयर अपडेट्स को बेहतर तरीके से टेस्ट करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।
माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल सर्वर डाउन होने के कारण दुनियाभर में कई सेवाएं प्रभावित हुई हैं। हालांकि, कंपनी ने समस्या को ठीक करने का दावा किया है, लेकिन अभी भी यूजर्स को समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। एक्सपर्ट्स के सुझाए गए समाधान का पालन करके यूजर्स अपनी समस्याओं को कम कर सकते हैं। साथ ही, भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए कंपनियों को अपने सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट और मॉनिटर करना चाहिए।