बेरोजगारों का गुस्सा संसद के अंदर पहुंचा है और इस पर विपक्ष ने सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सुरक्षा चूक की घटना पर उठाए गए सवालों के माध्यम से सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि इस घटना का पीछा बेरोजगारी का गुस्सा है और सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
अधीर रंजन चौधरी ने यह बताया कि सरकार ने अब तक इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया है, जिससे कि उन्हें आशंका है कि यह अफसोसनाक हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बड़े घटना के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह का कोई प्रतिक्रियात्मक बयान नहीं आया है, जिससे लोग उनकी दिशा में उलझ रहे हैं।
चौधरी ने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक हुई है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। वह कहते हैं, “प्रधानमंत्री हमें कह रहे थे कि बाहर का गुस्सा सदन में मत लाइए, लेकिन आम जनता का गुस्सा संसद के अंदर पहुंचाने की कोशिश हो रही है। हमें अंदर की बात सोचना चाहिए। हमें अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए कि इसके पीछे की वजह क्या है।”
सरकार ने इस बड़े घटना के पीछे की वजहों पर विचार करने की आशंका को नकारात्मकता के साथ नकारा है, जबकि शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सरकार की बेबसी और मुँहबंदीपन का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार ने मुंह बंद करके बैठी है और इसे सीधे तौर पर लेना चाहिए। उन्होंने सुरक्षा चूक की घटना को देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का मामला बताया है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संसद की सुरक्षा बढ़ाई गई है और सांसदों को ही संसद भवन में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है, जबकि उनकी गहनों की जांच भी हो रही है। इस घटना ने संसद में सुरक्षा के मामले पर विचार करने की मांग को महत्वपूर्ण बना दिया है, और यह दिखाता है कि बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे आम जनता के बीच कितना गहरा असर डाल रहे हैं।