बिहार के मोतिहारी से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने समाज को हिला कर रख दिया है। इस हृदयविदारक घटना में एक शराबी पिता ने अपनी ही बेटी की हत्या कर दी और फिर उसे अपने बेडरूम में दफनाकर उसके ऊपर चार किलो नमक डाल दिया ताकि शव जल्दी गल जाए। इस भयावह घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को बल्कि पूरे राज्य को झकझोर दिया है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा थाना क्षेत्र के मुड़ला गांव में शनिवार की रात पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ। इस विवाद के दौरान उनकी 14 वर्षीय बेटी रानी कुमारी ने मां का पक्ष लिया और पिता का विरोध किया। पत्नी गीता देवी इस विवाद के बाद पड़ोस के घर चली गई, जबकि बेटी घर पर ही रही। शराब के नशे में चूर पिता भगवान दास ने अपनी बेटी को मारने का फैसला किया। उसने बेटी का दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी।

हत्या के बाद भगवान दास ने बेटी के शव को घर के ही कमरे में दफनाने का निश्चय किया। उसने अपने छोटे बेटे से नमक मंगवाया। पहले एक किलो नमक मंगवाया, फिर 30 रुपये देकर तीन किलो और नमक मंगवाया। इस नमक का उपयोग उसने शव को जल्दी गलाने के लिए किया। शव को दफनाने के बाद, भगवान दास ने उसी जगह पर बिस्तर लगा लिया और रातभर वहीं सोता रहा, जैसे कि कुछ हुआ ही न हो।
रविवार की सुबह, जब गीता देवी घर वापस आई और अपनी बेटी को नहीं पाया, तो उसने खोजबीन शुरू की। काफी तलाशने के बाद भी जब बेटी का कोई पता नहीं चला, तो उसने रामगढ़वा थाना जाकर थानाध्यक्ष को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खोजबीन शुरू की। इस बीच, मृतक रानी कुमारी के छोटे भाई ने हिम्मत जुटाई और पुलिस को सारी सच्चाई बता दी। उसने बताया कि कैसे पिता ने बहन की हत्या की और फिर उसे दफना दिया।

छोटे भाई की गवाही के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर खुदाई कराई और रानी कुमारी का शव बरामद किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और बाद में परिजनों को सौंप दिया गया। गीता देवी के आवेदन पर पुलिस ने भगवान दास के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।
इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शराब और नशे की लत किस हद तक किसी व्यक्ति को अमानवीय बना सकती है। भगवान दास की क्रूरता ने उसकी बेटी की जान ले ली और उसके परिवार को एक अनकही पीड़ा में धकेल दिया। यह घटना एक चेतावनी है कि कैसे नशे की लत परिवार और समाज को बर्बाद कर सकती है।
समाज को इस तरह की घटनाओं से सबक लेना चाहिए और नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। नशा मुक्ति केंद्रों का निर्माण और नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस और प्रशासन को भी ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दिलानी चाहिए ताकि समाज में इस तरह के अपराधों का डर बना रहे।
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और यह समय है कि हम सभी मिलकर नशे के खिलाफ आवाज उठाएं और इसे जड़ से खत्म करने का प्रयास करें। हमें अपने बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देने के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए। इस घटना से हम सभी को सबक लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे समाज में ऐसी त्रासदियां फिर कभी न हों।