भारतीय लोकतंत्र की मन्दिर है, जो अपने इतिहास और महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह वही इमारत है जो अंग्रेजों के बावजूद भारत की स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दिल्ली से देश की आजादी की धड़कन बन गई।भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त के एक ऐतिहासिक हाथियारबंद हमले के साथ, जिसे 8 अगस्त 1929 को संसद भवन पर किया गया, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस हमले के माध्यम से, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ अपने संघर्ष को और भी प्रबल और प्रतिष्ठित बनाया।
इस हमले का उद्देश्य था संसद भवन को गैरकानूनी तरीके से ध्वस्त करना और विशेष रूप से उसके अंग्रेजी सदस्यों को चुनौती देना। इससे वे अंग्रेजों के द्वारा चलाए जा रहे कुशल राजनीतिक प्रणाली के खिलाफ एक प्रतिष्ठित प्रतिरोध के प्रतीक बने।
भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त: स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा
इस हमले के बाद, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को गिरफ्तार किया गया और उन्हें कानूनी कार्रवाई के तहत सजा दी गई। इसके परिणामस्वरूप, इन दोनों के बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया और लोगों में उनके प्रति गहरा सम्मान पैदा किया।
पुरानी संसद की इमारत 1927 में बनी थी और वह आज भी एक महत्वपूर्ण इतिहास का हिस्सा है। यहां देश के बड़े मुद्दों पर चर्चा होती है, नए कानून बनते हैं और सरकार के नेता देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।14 अगस्त, 1947 को संसद भवन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ वाला ऐतिहासिक भाषण दिया और भारतीय स्वतंत्रता की आवाज को बुलंद किया। लाल बहादुर शास्त्री ने इसी संसद में लोगों से एक वक्त का खाना छोड़ने की अपील की।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का महत्वपूर्ण प्रतीक
इस संसद में पाकिस्तानी सेना की करारी हार की खबर और इंदिरा गांधी की ध्वज रोहणे से फहराई थी। यहीं पर अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय संविधान को पारंपरिक धारा से बदलने का प्रस्ताव दिया था।
संसद भवन का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्थल के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा, और इसके साथ ही भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त के साहसपूर्ण हमले का भी सम्मान किया जाएगा।संसद भवन का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और यह दिखाता है कि यहां के निर्णय और चर्चाएं देश के भविष्य को कैसे प्रभावित करती हैं। इस इमारत का महत्व हमारे देश के लिए अगली पीढ़ियों को उनके इतिहास और नागरिक जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के साथ परिचय कराने का है।