बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रम ने पूरे उपमहाद्वीप का ध्यान आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़ने की घटना ने बांग्लादेश को राजनीतिक संकट में डाल दिया है। इस बीच, भारत सरकार ने बांग्लादेश की स्थिति पर पूरी नजर बनाए रखी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में अपनी बात रखी है और भारत की स्थिति स्पष्ट की है।
शेख हसीना का इस्तीफा और भारत का स्वागत
शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद वह भारत आ गई हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि शेख हसीना ने भारत आने की अनुमति मांगी थी, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया। जयशंकर ने कहा, “भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बहुत मजबूत हैं और शेख हसीना का बांग्लादेश की सत्ता से हटाया जाना प्रदर्शनकारियों का एक मात्र एजेंडा था।” भारत ने शेख हसीना का स्वागत किया और उन्हें आश्रय दिया, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों की झलक मिलती है।
बांग्लादेश में भारतीय समुदाय की सुरक्षा
बांग्लादेश में स्थिति को देखते हुए भारतीय सरकार ने वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। विदेश मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश में लगभग 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 9000 छात्र हैं। जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए हैं। जयशंकर ने कहा, “हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।”
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास
विदेश मंत्री ने बताया कि छात्रों और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों से बातचीत की जा रही है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में ढाका में अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा गया है। जयशंकर ने राज्यसभा में बोलने के बाद लोकसभा में भी इस मुद्दे पर बात रखने की योजना बनाई है।
सर्वदलीय बैठक और बांग्लादेश संकट
मंगलवार सुबह विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। इस बैठक में बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श किया गया और राजनीतिक दलों को ब्रीफ किया गया। जयशंकर ने कहा, “बांग्लादेश भारत का खास पड़ोसी देश है और भारत और बांग्लादेश के रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं।”
भारत का स्टैंड और संभावित चुनौतियाँ
शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के बाद, वह यहां से ब्रिटेन या किसी अन्य देश जा सकती हैं। इस पर विचार करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में अगर मार्शल लॉ लागू होता है तो भारत इससे कैसे निपटेगा और इस अस्थिरता का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर हो सकता है। इसके अलावा, चीन और पाकिस्तान के संभावित रोल को लेकर भी चर्चा हुई।
संसद में विदेश मंत्री का बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट को लेकर संसद में किसी भी तरह के बयान से पहले मोदी सरकार सभी दलों को विश्वास में लेना चाहती है। जयशंकर ने कहा कि वह बांग्लादेश के हालात पर लोकसभा में बयान देने वाले हैं। इससे पहले, सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई थी, जिसमें बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के प्रभावों पर विचार-विमर्श किया गया।
बांग्लादेश में हालात की मौजूदा स्थिति
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद की स्थिति को देखते हुए, देश में भीषण विरोध प्रदर्शन और हिंसा जारी है। प्रदर्शनकारियों का मुख्य एजेंडा शेख हसीना को सत्ता से हटाना था, जो अब पूरा हो चुका है। बावजूद इसके, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को तैनात किया गया है।
बांग्लादेश के मौजूदा संकट पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया स्पष्ट और संवेदनशील रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए बांग्लादेश के साथ मजबूत रिश्तों की प्रतिबद्धता जताई है। शेख हसीना का भारत आना और यहां से किसी अन्य देश जाने की संभावना पर भी विचार किया गया है। भारत ने बांग्लादेश में रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आने वाले दिनों में, बांग्लादेश में स्थिति को देखते हुए भारत अपनी रणनीति को और स्पष्ट करेगा और इस संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।