भारत-चीन सीमा क्षेत्र में बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी द्वारा बताए गए महत्वपूर्ण डेटा के आधार पर, भारत ने चीन के साथ सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़क नेटवर्क को मजबूती से बढ़ाया है। इसके परिणामस्वरूप, बीआरओ ने तीन वर्षों में 300 से अधिक परियोजनाओं का काम पूरा किया है और इसके परिणामस्वरूप चीन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य रखा है।
बीआरओ के महानिदेशक ने बताया कि इन परियोजनाओं में सड़कें, पुल, सुरंगें और एयरफील्ड शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय सुरक्षा बलों को सीमा क्षेत्र में पहुंचने में मदद की है। इनमें से कुछ परियोजनाएं अब तक पूरी हो चुकी हैं और बाकी कुछ कुछ महीनों में पूरी हो जाएंगी।चौधरी ने इसके अलावा बताया कि बीआरओ अब नई तकनीकों और मशीनों का उपयोग करके बर्फ को हटाने के लिए काम कर रहा है, जिससे बंद सड़कों को ज्यादा समय तक खुला रहने में मदद मिल रही है।
इसके साथ ही, उन्होंने सड़क नेटवर्क के महत्व को भी बताया और कहा कि इससे न केवल सुरक्षा बलों को लाभ होता है, बल्कि यह दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी मदद करता है।
बीआरओ के परियोजनाओं की महत्वपूर्ण विशेषताएं भी हैं, जैसे कि दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का निर्माण और अधिक ऊंचाई पर सड़कों का निर्माण। इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से चीन के साथ सीमा क्षेत्र में भारत की तैयारी मजबूत हो रही है, और बीआरओ के प्रयासों से भारत की सुरक्षा और सीमा परिस्थितियों में सुधार हो रहा है।