भारतीय सेना और पुलिस के तीन शूरवीरों के अनंतनाग में हुए शहादत का समाचार पूरे देश को गहरी दुख और गर्व का अहसास दिलाया है। यहां हम जानेंगे कि कैसे मेजर आशीष धौने, कर्नल मनप्रीत सिंह, और डीएसपी हुमायूं भट के परिवारों ने अपने योगदानी और वीरता के साथ कैसे गर्वित हो रहे हैं।
मेजर आशीष धौने की परिबार
मेजर आशीष धौने ने अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित किया और आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान की क़ुर्बानी दी। उनके शहादत के बाद उनके परिवार और गांव में मातम का माहौल है, लेकिन उनके परिवार और गांववालों में भी उनके योगदान के प्रति गर्व है। मेजर आशीष के परिवार के इकलौते पुत्र के शहादत होने से उनके माता-पिता की सशक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बिगड़ा है, लेकिन उनका समर्थन उनके साथ है।
कर्नल मनप्रीत सिंह की परिबार
कर्नल मनप्रीत सिंह ने राष्ट्रीय रायफल्स की यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में अनंतनाग में ऑपरेशन की नेतृत्व किया था और उन्होंने अपने सेनानायक दुतिय जगमीत ग्रेवाल और उनके बच्चों के साथ अपनी जीवन को देश की सेवा में समर्पित किया। उनके शहादत से उनके परिवार के सदस्यों के लिए एक अत्यधिक कठिन समय आया है, लेकिन वे एक-दूसरे के साथ होने वाले इस मुश्किल समय को साथ मिलकर पार करेंगे।
डीएसपी हुमायूं भट की परिबार
डीएसपी हुमायूं भट की बेहद दुखद शहादत की ख़बर आई है, और उनके पिता गुलाम हसन भट के लिए यह एक अत्यधिक दुखद समय है। वे पुलिस में अपनी सेवाएँ देने के बाद भी परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ लड़ रहे थे, और उनके बेटे की शहादत ने उनके दुख को और भी गहरा बना दिया है।
इन तीनों शहीदों की शहादत हमारे देश की सेना और पुलिस के वीर योद्धाओं की असीम बहादुरी और बलिदान का प्रतीक है। हम सबको उनके योगदान को सराहना करना चाहिए और उनके परिवारों के प्रति हमारा साथ दिखाना चाहिए। इन वीर सिपाहियों की शहादत को याद रखकर हमें अपने देश की सुरक्षा के प्रति अपने संकल्प को मजबूत करना चाहिए।