ललित झा की इस पोस्ट से यह प्रतित होता है कि उन्होंने संसद में घुसपैठ के लिए एक बड़ी साजिश रची थी और उसकी योजना पहले से ही तैयार थी। उनका लक्ष्य भारत में हड़कंप मचाना और अराजकता फैलाना था। उन्होंने सामाजिक मीडिया का उपयोग करके भी अपनी सोचों को उजागर किया, जिसमें उन्होंने भारत को एक बम की आवश्यकता का सुझाव दिया था।
ललित झा की साजिश के अनुसार, उन्होंने पहले से ही एक बड़ी स्क्रिप्ट बनाई थी और इसमें सभी आरोपी शामिल थे, जिन्होंने संसद में घुसपैठ के लिए योजना बनाई थी। इस प्लान का मास्टरमाइंड ललित झा थे, जिन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स के माध्यम से अपनी सोचों को प्रकट किया था।
पुलिस के मुताबिक, ललित झा ने सोशल मीडिया पर बम की जरूरत की बातें कही थीं, जो इस साजिश की एक पहली संकेत हो सकती हैं। इसके अलावा, उन्होंने आरोपी गुट को समर्थित किया और एक अविवादित वातावरण बनाने का प्रयास किया।
ललित झा की इस साजिश के तहत, सभी आरोपी सोशल मीडिया पर विभिन्न पोस्ट्स और भड़काऊ सामग्री शेयर कर रहे थे, जिससे उन्होंने अपनी सोच को बढ़ावा दिया और युवा जनता को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया।
इस पूरी साजिश के तहत, आरोपी गुट ने संसद में घुसपैठ करने के लिए सभी तरीकों की योजनाएं बनाईं थीं, जिसमें उन्होंने संसद के आसपास के इलाके की रेकी और सुरक्षा के पुराने वीडियो देखने की तैयारी की थी।
पुलिस द्वारा बताया गया है कि ललित झा ने सोशल मीडिया पोस्ट्स के माध्यम से अपनी योजना को मोनिटर किया और उसने पुलिस से बचने के लिए विभिन्न तरीकों का प्रयास किया, जैसे कि सत्र में ही खुद को आग लगाने की योजना बनाना और ऑनलाइन खास Gel की खरीद करने का प्रयास करना।
उसके परिवार द्वारा भी यह बताया जा रहा है कि उन्हें यह यकीन नहीं हो रहा है कि उनका बेटा इस तरह की साजिश कर सकता है, लेकिन पुलिस द्वारा लाए गए सबूतों के आधार पर वह एक संरक्षित भूमिका में दिखते हैं।
सारांश में, यह घटना दिखाती है कि सोशल मीडिया की दुनिया में अगर कोई व्यक्ति अपनी योजनाओं को प्रकट करना चाहता है, तो वह सामाजिक मीडिया का उपयोग करके बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ सकता है और अपनी बात को बड़े पैम्बर में पहुंचा सकता है।