योग गुरु स्वामी रामदेव ने हाल ही में बांग्लादेश में हो रही हिंसक घटनाओं पर अपनी गहरी चिंता और दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि खतरनाक भी हैं। उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए हर संभव कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयास करे।
बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति
बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंसा और राजनीतिक अशांति ने गंभीर रूप ले लिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है। हिंसा का मुख्य निशाना वहां के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय बन रहे हैं। स्वामी रामदेव ने कहा कि इस परिस्थिति में भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है और वहां के हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।
कट्टरपंथी ताकतों का खतरा
स्वामी रामदेव ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें हिंदू समुदाय पर हमले कर रही हैं, जिससे वहां के हिंदुओं की जान-माल की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा, “हमें इस बात का डर है कि वहां रहने वाले हिंदू भाई-बहनों की इज्जत और आबरू पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में भारत को सतर्क रहना चाहिए और बांग्लादेश में अपने अल्पसंख्यक हिंदू भाइयों के साथ पूरी ताकत से खड़ा होना होगा।”
भारत का दायित्व
स्वामी रामदेव ने भारत के दायित्व की बात करते हुए कहा कि भारत ने बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाने में मदद की थी, इसलिए अब हमें वहां के हिंदुओं की रक्षा करने में भी अपनी ताकत दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयास करने चाहिए और अगर आवश्यक हो, तो बांग्लादेश में हस्तक्षेप भी करना चाहिए।
भारत में अशांति फैलाने की कोशिश
स्वामी रामदेव ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में कुछ लोग जाति, धर्म और आरक्षण के मुद्दों की आड़ में देश के भीतर अशांति भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनेता, धार्मिक चरमपंथी और यूट्यूबर जाति, धर्म, आरक्षण और संविधान के नाम पर भारत में इसी तरह की अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे देश की एकता और अखंडता को खतरा है। हमें इन प्रयासों का मजबूती से मुकाबला करना चाहिए।”
विस्थापन की आशंका
पूर्व राजनयिकों और विशेषज्ञों ने भी बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग भारत में शरण ले सकते हैं। इससे भारत में भी अशांति फैलने की आशंका है। उन्होंने भारत सरकार से सतर्क रहने और इस समस्या का समाधान ढूंढने की अपील की है।
आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंसा की शुरुआत आरक्षण को खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन से हुई थी। यह विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गया और शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। इस परिस्थिति में वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता
स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत को बांग्लादेश में हो रही हिंसा का कूटनीतिक समाधान ढूंढना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर इस समस्या का हल निकालना चाहिए। इसके साथ ही, बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
बांग्लादेश में हो रही हिंसा और राजनीतिक अशांति ने वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है। स्वामी रामदेव ने इस परिस्थिति पर अपनी गहरी चिंता जताई है और भारत सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत को बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। इस मुद्दे का कूटनीतिक समाधान ढूंढना अत्यंत आवश्यक है, ताकि बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा और शांति मिल सके।