बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता गोविंदा इन दिनों चर्चा में हैं, लेकिन नकरात्मक कार्यों के चलते। वे एक 1000 करोड़ के ऑनलाइन पोंजी स्कैम के जाल में फंसे हुए हैं, जिसकी जांच EOW (Economic Offenses Wing) जल्दी ही करेगा। लेकिन जरा सोचिए, क्या यह स्कैम वाकई 1 करोड़ का है, और कैसे हुई 2 लाख लोगों से ठगी? चलिए, हम आपको इस स्कैम के बारे में विस्तार से बताते हैं, साथ ही यह भी जानते हैं कि गोविंदा का इसमें कैसे रिश्ता है। उससे पहले हम आपको क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बता देते है| की क्रिप्टोकरेंसी: क्या है और कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है जिसका उपयोग ऑनलाइन लेन-देन में किया जा सकता है। यह एक पूरी तरह से डिजिटल रूप में मौद्रिक संदर्भ देता है, और इसमें किसी सरकारी बैंक या संगठन का समर्थन नहीं होता है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि यह एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर तकनीक (ब्लॉकचेन) का उपयोग करके सुरक्षित और प्राइवेट लेन-देन की जाती है।
क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करती है?
क्रिप्टोकरेंसी के सभी लेन-देन ट्रांजैक्शन एक डिजिटल लेजर पर दर्ज की जाती है, जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है। यह लेजर बहुत सुरक्षित होता है और ट्रांजैक्शन की पुष्टि करता है। क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। यह ट्रांजैक्शन को सुरक्षित और गोपनीय बनाता है। क्रिप्टोकरेंसी वाले व्यक्ति को एक पब्लिक कीस (पता) और एक प्राइवेट कीस (व्यक्तिगत गोपनीय कोड) की आवश्यकता होती है। यह क्रिप्टो लेन-देन की पहचान के लिए होता है। कुछ क्रिप्टोकरेंसियों को माइन करके नये टोकन बनाए जा सकते हैं। इसके लिए कंप्यूटर प्रोसेसिंग का उपयोग किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का प्रबंधन डिस्ट्रिब्यूटेड नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है, जिसमें कई कंप्यूटर्स और नोड्स शामिल होते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार:
बिटकॉइन: सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी, जिसे सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति ने बनाया था। यह क्रिप्टोकरेंसी अनुबंधित स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए जानी जाती है, जिसका उपयोग डिस्ट्रिब्यूटेड ऐप्लिकेशन्स के विकास में होता है। इसका उपयोग लाइटनिंग नेटवर्क के लेन-देन के लिए किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य व्यापारिक लेन-देन को तेजी से करना है। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग वित्तीय लेन-देन के लिए, निवेश, और ऑनलाइन व्यापार में होता है। यह विश्वभर में बढ़ती हुई पॉप्युलैरिटी का भुगतान करता है, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा और पूर्वाधिकृतता के मामले में सावधान रहना बेहद महत्वपूर्ण है।
1000 करोड़ का क्रिप्टो-पोंजी स्कैम क्या है?
यह स्कैम एक ऑनलाइन क्रिप्टो से जुड़ा हुआ है और इसे ‘पोंजी स्कैम’ के रूप में जाना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोलर टेक्नो एलायंस कंपनी ने बिना किसी ऑथराइजेशन के भारत के विभिन्न राज्यों, जैसे कि बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, और अन्य राज्यों में लाखों निवेशकों से करोड़ों रुपए क्रिप्टो में जमा कराए थे। इसके तहत, देशभर में 2 लाख से ज्यादा लोगों ने 1000 करोड़ रुपए की जमा राशि एकत्र की थी।
2 लाख लोगों से कैसे हुई ठगी?
पोंजी स्कैम का काम लालच देने में होता है, और यह स्कैम भाग्यशाली निवेशकों को आकर्षित करने के लिए धूप-छाँव का खेल खेलता है। इस स्कैम के तहत, लोगों को एक कंपनी के नाम पर निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, और उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि इस कंपनी के साथ बड़े चेहरे जुड़े हैं, जैसे कि गोविंदा। इसके चलते, लोग अपना पैसा इस कंपनी में लगा देते हैं, लेकिन खेल का नाम खेलकर उनका पूरा पैसा डूब जाता है।
गोविंदा का क्या रोल है?
गोविंदा का नाम इस स्कैम में इसलिए आ रहा है क्योंकि उन्होंने इस कंपनी का प्रमोशन अपनी वीडियो में किया था। हालांकि EOW के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक गोविंदा पर किसी भी गंभीर आरोप का संकेत नहीं है, और जांच के बाद ही पता चलेगा कि गोविंदा की इस कंपनी के साथ क्या भूमिका थी। सरकारी गवाह के रूप में उन्हें यदि साबित किया जाता है कि उन्होंने सिर्फ टोकन के तौर पर कंपनी को प्रोमोट किया था, तो वे जुर्माना के हवाले से मुकदमा से बच सकते हैं। फिलहाल, इस जांच के दायरे में गोविंदा भी है, और जल्द ही EOW की टीम उनसे पूछताछ करने मुंबई जाएगी।
1000 करोड़ का क्रिप्टो-पोंजी स्कैम ने लोगों को लूटा है और इसमें गोविंदा का नाम जुड़ गया है। इस घोटाले में लोगों का पैसा डूब गया है, और EOW जल्द ही इस मामले की जांच करेगा। गोविंदा का भी इसमें शामिल होने का सवाल है, और वे जांच के दौरान व्यक्तिगत भूमिका की पुष्टि करने के इंतजार में हैं।