बिहार के मोतिहारी में एक बड़ा संघर्ष उत्पन्न हुआ है, जब नेपाल की ओर से भारत में प्रवेश करते एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक को रक्सौल बार्डर पर आव्रजन विभाग ने गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के पीछे पहेलियाँ: भारत-बांग्लादेश नागरिक की पहचान में संदेह
इस गिरफ्तारी के पीछे कई पहेलियाँ हैं, जैसे कि इस व्यक्ति के पास भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड, और मतदाता पहचान पत्र हैं, साथ ही कोरियन, नेपाली, और भारतीय रुपये भी।यह बांग्लादेशी नागरिक बोधगया में रहता था और उसने पूछताछ में बताया कि वह बौद्ध धर्म का अनुयायी है और वह इसी सिलसिले में कोरिया जा रहा था। उसकी पहचान श्रवण बरुवा के रूप में हुई है, लेकिन आव्रजन विभाग के मुताबिक इसके पीछे की कहानी और जांच की आवश्यकता है क्योंकि इसके पास भारत कि नागरिकता है।
पुलिस ने बताया कि
इस गिरफ्तारी के बाद, आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो), एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल), और अन्य सुरक्षा बलों की टीमें बढ़ गई हैं। मोतिहारी के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जांच के क्रम में उसके पास से 36 हजार रुपये, दो सौ नेपाली रुपये, और चार लाख 90 हजार कोरियन करेंसी बरामद हुई है। यह स्पष्ट होता है कि वह नेपाल के रास्ते साउथ कोरिया जाने की कोशिश कर रहा था।
जब वह नेपाल काठमांडू एयरपोर्ट पहुंचा, तो उससे आव्रजन विभाग के अधिकारियों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की, और वहां पर खुद की पहचान की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान जांच में पाया गया कि वह बांग्लादेशी हैं।
इस मामले में कई सवाल उठते हैं, जैसे कि कैसे यह व्यक्ति बांग्लादेश से भारत पहुंचा और भारत में किसके सहायता से आधार कार्ड, पैन कार्ड, और वोटर आईडी कार्ड बनवाया। इस मामले में और जांच की आवश्यकता है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस मामले की गहरी जांच करते समय, सुरक्षा बलों को सतर्क रहना और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे मामलों को संविधानिक तरीके से हैंडल किया जाए, ताकि देश की सुरक्षा और अनुशासन बना रह सके।