भारत और ईरान के बीच मजबूत और गहरी दोस्ती की मिसाल एक बार फिर देखने को मिली जब ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के हेलीकॉप्टर हादसे में दुखद निधन के बाद भारत ने एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। इस कदम के साथ ही, भारत ने अपने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित होने के लिए आधिकारिक रूप से तेहरान भेजा।
भारत का राजकीय शोक
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद, भारत सरकार ने 21 मई को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। यह निर्णय दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाता है। इस मौके पर सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया और कोई आधिकारिक समारोह आयोजित नहीं किया गया।
उपराष्ट्रपति की तेहरान यात्रा
राजकीय शोक के अगले ही दिन, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तेहरान की यात्रा की। उन्होंने दिवंगत राष्ट्रपति रईसी, विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन और अन्य ईरानी अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। धनखड़ ने इस मौके पर ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर से भी मुलाकात की और शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।
उपराष्ट्रपति कार्यालय ने धनखड़ की इस श्रद्धांजलि सभा की तस्वीरें साझा कीं, जिनमें वे दिवंगत ईरानी नेताओं के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए नजर आ रहे थे। विदेश मंत्रालय ने भी इस मौके पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें धनखड़ की ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति से मुलाकात की जानकारी दी गई।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का शोक संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ईरानी राष्ट्रपति रईसी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि “ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर हमें गहरा दुख है। हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके परिवार और ईरानी जनता के साथ हैं।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी ईरानी दूतावास जाकर भारत की ओर से इस क्षति पर शोक व्यक्त किया। जयशंकर ने अपने संदेश में कहा कि “भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, और इस दुखद घटना ने हमें गहराई से प्रभावित किया है।”
ईरान में श्रद्धांजलि सभा
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की अध्यक्षता में बुधवार को दिवंगत राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और हादसे में मारे गए अन्य लोगों के लिए जनाजे की नमाज पढ़ी गई। इस कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए और दुनिया के कई नेता भी इस मौके पर तेहरान में मौजूद थे। यह घटना न केवल ईरान के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण क्षति थी।
भारतीय-ईरानी संबंध
भारत और ईरान के बीच संबंध सदियों पुराने हैं और इनका आधार सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक है। दोनों देशों ने समय-समय पर एक-दूसरे के साथ खड़े रहकर अपने संबंधों को मजबूत किया है। चाहे वह व्यापार हो, ऊर्जा क्षेत्र हो या सांस्कृतिक आदान-प्रदान, दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत और उसके बाद भारत द्वारा दिखाए गए संवेदनशीलता और दोस्ती के उदाहरण ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत और ईरान के बीच का रिश्ता कितना गहरा और मजबूत है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तेहरान यात्रा और राजकीय शोक की घोषणा ने इस दोस्ती को और भी मजबूत बना दिया है। यह घटना दर्शाती है कि दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और समझ का स्तर कितना ऊंचा है, और भविष्य में भी यह संबंध इसी तरह फलता-फूलता रहेगा।