भारतीय मूल के साइंटिस्ट और पायलट गोपी थोटाकुरा ने इतिहास रचते हुए ब्लू ओरिजिन के एनएस-25 मिशन का हिस्सा बनकर अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय स्पेस टूरिस्ट का गौरव प्राप्त किया है। यह मिशन अमेज़न के संस्थापक जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन द्वारा संचालित किया गया था। गोपी थोटाकुरा ने अपनी इस उपलब्धि से भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।
आंध्र प्रदेश से अंतरिक्ष तक का सफर

गोपी थोटाकुरा का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था। बचपन से ही उन्हें विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में गहरी रुचि थी। उन्होंने अपनी शिक्षा और करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं और अंततः ब्लू ओरिजिन के एनएस-25 मिशन के चालक दल का हिस्सा बनने का सपना साकार किया। ब्लू ओरिजिन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, गोपी थोटाकुरा के अलावा इस मिशन के चालक दल में मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल. हेस, कैरोल स्कॉलर और पूर्व वायु सेना कैप्टन एड ड्वाइट भी शामिल थे।
ब्लू ओरिजिन का मिशन और गोपी का योगदान

ब्लू ओरिजिन ने रविवार को अपनी 7वीं मानव अंतरिक्ष उड़ान और न्यू शेपर्ड प्रोग्राम के लिए 25वीं उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देना और इसे किफायती और सुलभ बनाना है। गोपी थोटाकुरा ने इस मिशन में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय स्पेस टूरिस्ट बनने का गौरव प्राप्त किया। इसके साथ ही वे दूसरे भारतीय बने, जो अंतरिक्ष में पहुंचे। इससे पहले, भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट विंग कमांडर राकेश शर्मा साल 1984 में अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक बने थे।
अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव

गोपी थोटाकुरा ने अंतरिक्ष यात्रा के अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि यह एक अद्वितीय और जीवन बदलने वाला अनुभव था। उन्होंने कहा, “मैं अभी अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकता क्योंकि यह कुछ ऐसा है जो अर्बन डिक्शनरी में नहीं है। यह कुछ ऐसा है जिसे मैं अपने साथ ले जाता हूं। मैं हमेशा लोगों को यह बताता हूं कि जब आप पैदा होते हैं तब से लेकर जिस समय आप निकलते हैं, आप जागते हैं और आसमान देखना चाहते हैं, सांस लेना चाहते हैं, लेकिन मैं इसके विपरीत करने का मौका चाहता हूं, वहां ऊपर जाने और यहां नीचे देखने का अवसर मिलता है।”
‘फॉर द बेनिफिट ऑफ अर्थ’
गोपी थोटाकुरा ने ब्लू ओरिजिन की टैगलाइन ‘फॉर द बेनिफिट ऑफ अर्थ’ पर जोर दिया और कहा कि उन्हें यह भी लगता है कि धरती मां की रक्षा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वे ग्रह के बाहर जीवन और रोमांच तलाश कर रहे हैं ताकि धरती मां की रक्षा की जा सके। इसके अलावा, हर एस्ट्रोनॉट ब्लू ओरिजिन के फाउंडेशन, क्लब फॉर द फ्यूचर की ओर से अंतरिक्ष में एक पोस्टकार्ड ले गया। क्लब का मिशन पृथ्वी के लाभ के लिए भावी पीढ़ियों को STEAM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित) में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है।
अंतरिक्ष पर्यटन का भविष्य

गोपी थोटाकुरा का यह अद्वितीय और साहसी कदम अंतरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि स्पेस टूरिज्म कैसे लोगों के लिए नए रास्ते खोल सकता है और इसे किफायती और सुलभ बना सकता है। उनके इस साहसिक कदम से भारतीय युवाओं के बीच विज्ञान और अंतरिक्ष के प्रति रुचि और उत्साह बढ़ेगा।
गोपी थोटाकुरा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल भारत का नाम रोशन किया है, बल्कि यह दिखाया है कि भारतीय मूल के वैज्ञानिक और पायलट भी अंतरिक्ष पर्यटन और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उनकी यह यात्रा भविष्य में और अधिक भारतीय युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित करेगी। गोपी थोटाकुरा की यह उपलब्धि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी और यह अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाती है।