भारतीय फुटबॉल के योद्धा सुनील छेत्री ने अपने उद्यम, प्रेरणा और करियर के समापन का ऐलान किया है। सुनील छेत्री ने इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने का निर्णय लिया है और उन्होंने इसकी घोषणा अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से की। उन्होंने बताया कि वे अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच 6 जून को कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में कुवैत के खिलाफ खेलेंगे।
सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के अग्रदूत हैं और उनका योगदान भारतीय फुटबॉल के विकास में महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने भारत के लिए कई महत्वपूर्ण मैच खेले हैं और अपने उत्कृष्ट खेल के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया है।
सुनील छेत्री का फुटबॉल करियर 12 जून 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच के साथ शुरू हुआ था। उन्होंने इस मैच में अपना पहला इंटरनेशनल गोल भी दर्ज किया था।
सुनील छेत्री ने अपने उत्कृष्ट खेल के कारण छह मौकों पर एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीता है। इसके अलावा, उन्हें 2011 में अर्जुन अवॉर्ड और 2019 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
अपने संन्यास के ऐलान के बाद, सुनील छेत्री के फैंस और फुटबॉल प्रेमियों ने उन्हें उनके योगदान के लिए सम्मानित किया है। उनकी प्रेरणा, उनका उत्कृष्ट खेल और उनकी नेतृत्व क्षमता कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
भारतीय फुटबॉल टीम के लिए आगे खेलने के दो अहम मैच हैं, जिनमें से एक 6 जून को कुवैत के खिलाफ होगा। इस मैच का महत्व भारतीय फुटबॉल के लिए बहुत अधिक है, क्योंकि यह भारत के लिए फीफा वर्ल्ड कप 2026 और एएफसी एशियाई कप 2027 के प्रारंभिक संयुक्त क्वालिफिकेशन के दूसरे चरण का हिस्सा है।
सुनील छेत्री के संन्यास के बाद, भारतीय फुटबॉल टीम को उनकी कमी को महसूस करनी पड़ेगी, लेकिन उनकी प्रेरणा और उनकी नेतृत्व क्षमता के रूप में उनकी यादें हमेशा फुटबॉल जगत में अमर रहेंगी।