भोजपुरी फिल्म और संगीत उद्योग के प्रमुख नामों में से एक, पवन सिंह, जिन्हें “भोजपुरी स्टार” के रूप में जाना जाता है, ने भारतीय राजनीति में अपनी कदम रखी हैं। उन्होंने बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के साथ ही, उन्होंने अपनी संपत्ति का भी ब्योरा दिया है।
पवन सिंह के नामांकन से पहले ही, उन्होंने अपने संपत्ति का ब्योरा जनरल डयूटी एसपी कांफेडरेशन के मुख्यालय में दाखिल किया। हलफनामे के अनुसार, पवन सिंह के पास कुल 16.75 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनकी संपत्ति में 5.04 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 11.70 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।

पवन सिंह की चल संपत्ति में बैंक खातों में जमा राशि, चार पहिया वाहन, मोटरसाइकिल, गहने और नकद शामिल हैं। उनकी अचल संपत्ति में बिहार और पटना में गैर कृषि भूमि, दो वाणिज्यिक संपत्ति, और 6.45 करोड़ रुपये की आवासीय संपत्ति शामिल है।
पवन सिंह का नामांकन भारतीय राजनीति में तहलका मचा दिया है। वे काराकाट सीट से मुकाबला कर रहे हैं और यहां के निवासियों को अपने विकास की योजना के साथ प्राधान्य देने का वादा किया है। उनके विरोधी प्रत्याशियों में बीजेपी के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं। इस चुनाव में, यह बात स्पष्ट है कि पवन सिंह की आर्थिक स्थिति के बारे में खुलासा हुआ है, जो उनके प्रत्याशी होने की भावना को और भी मजबूत करता है।

पवन सिंह की निर्वाचन अभियान में भारतीय राजनीति के नए एक्सपेरिमेंट का रूप ले सकता है। वे भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने चेहरे होने के साथ-साथ, राजनीति में अपना नाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे प्रेरित होकर, अन्य कलाकारों और संगीतकारों को भी राजनीतिक मंच पर अपना परिचय बनाने की प्रेरणा मिल सकती है।
भोजपुरी सिनेमा इस समय बिहारी समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में माना जाता है, और पवन सिंह जैसे चेहरों का राजनीति में प्रवेश इसकी और भी मजबूती देता है। उनका नामांकन और संपत्ति का खुलासा उनकी राजनीतिक पारदर्शिता को दर्शाता है, जो नागरिकों के विश्वास में वृद्धि करता है।