बिहार में शराबबंदी पर चल रही सियासत में प्रशांत किशोर, जिन्हें पीके के नाम से भी जाना जाता है, ने तेजस्वी यादव से लेकर बीजेपी तक को घेरा है। उन्होंने एक साथ बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, और जीतनराम मांझी के बेटे तक को लपेट लिया है और उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें बिजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की बातों को लेकर उनकी टिप्पणी भी शामिल है, जिससे खुद किशोर को सरकार के संघर्षवीरों के साथ मिले हुए दिखाया गया है।

बिहार में शराबबंदी के विरोध में प्रशांत किशोर की पदयात्रा को एक पैम्फलेट के जरिए प्रमोट किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने बीजेपी के सम्राट चौधरी के बयानों का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने साझा किया कि सम्राट चौधरी को एक साल पहले तक जेडीयू के साथ सरकार में थे और नीतीश कुमार के साथ एक साल पहले तक उन्होंने सरकार चलाई थी, जब शराबबंदी को माफ करने के पक्ष में थे। उनकी टिप्पणी से यह साबित होता है कि सरकार में रहते हुए और विरोधी बनकर दोहरे मापदंड बना रहना उन्हें काबू की सीधी सबूत मिला है।

इसके अलावा, प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा है और उन्हें शराब माफिया कहकर गहरा आरोप लगाया है। उनके अनुसार, तेजस्वी यादव ने पहले तक शराबबंदी के माफिया के रूप में प्रतिष्ठित थे, लेकिन अब उन्हें इस समस्या से फायदा हो रहा है। यह सुझाव देता है कि उन्होंने सरकार से बाहर जाकर इस मुद्दे का विरोध करना शुरू किया है।

जीतनराम मांझी के बेटे पर भी प्रशांत किशोर ने तीखा तंग खींचा है और उनके पिछले मंत्रिमंडल के अध्यक्ष बने रहने पर उन्हें कुछ लम्हे पहले तक शराबबंदी के प्रति उनकी रुचि नहीं दिख रही थी। अब जब वह बहाल हो रहे हैं, तो इसमें उनके लिए भी कुछ सवाल उठ रहे हैं।
इस पैम्फलेट में प्रशांत किशोर ने उन पार्टियों के साथीपन को लेकर कई सवाल उठाए हैं और इससे यह सिद्ध होता है कि बिहार में राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे के साथ मिलकर चल रही हैं, जिससे उन्हें एक साथ लपेटा जा रहा है।