बिहार के भोजपुर जिले के किसान के बेटे, सत्यम कुमार, ने अपनी उदाहरणबद्ध सफलता की कहानी के जरिए कई लोगों को प्रेरित किया है। सत्यम की यह कहानी बताती है कि किस तरह से मेहनत, संघर्ष, और अद्वितीयता से भरपूर युवा आजमगढ़ से Apple में अपनी करियर शुरू कर रहा है।
सत्यम का यात्रा 2013 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने केवल 13 साल की आयु में 679 रैंक हासिल करके कानपुर के IIT में प्रवेश प्राप्त किया। यह उनके दूसरे एटेम्प्ट में सफलता थी, और इससे पहले 2012 में भी उन्होंने IIT परीक्षा का प्रयास किया था, जिसमें उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग 8,137 थी। इसके बाद, सत्यम ने अपनी योजना में सुधार करने का निर्णय लिया और एक साल बाद पुनः परीक्षा देकर उच्च रैंक हासिल की और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के ज्वाइंट बीटेक-एमटेक कोर्स के लिए चयन किया।
उनकी उच्च शिक्षा को पूरा करने के बाद, सत्यम ने आगे बढ़कर टेक्सास विश्वविद्यालय से अमेरिका जाकर पीएचडी पूरी की, और 24 साल की आयु में Apple में मशीन लर्निंग इंटर्न के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस धमाकेदार ऑफर के बाद, सत्यम को लोगों ने जमकर तारीफें भेजी हैं, और उनकी कड़ी मेहनत और सफलता को हर कोई सराह रहा है।
इसके साथ ही, सत्यम की कहानी बिहार के युवाओं में उत्साह और प्रेरणा फैला रही है, और उन्हें यह सिखा रही है कि कठिनाईयों का सामना करना, और अपने सपनों की पूर्ति के लिए मेहनत करना हमेशा संभव है। सत्यम की उपलब्धि ने दिखाया है कि किसी भी स्थान से आने वाले युवा अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से किसी भी क्षेत्र में शिखर पर पहुंच सकते हैं और विश्व में अपनी जगह बना सकते हैं।
इस प्रकार, सत्यम कुमार की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता का सिर्फ एक ही सूत्र है – मेहनत और संघर्ष में न कभी हार। इसके साथ ही, उनकी उपलब्धि ने बिहार को एक और ताजगी दी है और लोगों को यहसस हो रहा है कि उनका राज्य भी बच्चों को उच्च शिक्षा और विकास के क्षेत्र में एक नई दिशा में अग्रणी बना सकता है।
इस रूपरेखा में, सत्यम कुमार की कहानी बिहार के नौजवानों को नई सोच और उत्साह के साथ अपने सपनों की पुर्ति की दिशा में एक मिसाल प्रदान कर रही है। उनके संघर्षों और उपलब्धियों से हर कोई प्रेरित हो रहा है, और उनका उदाहरण बता रहा है कि कोई भी लक्ष्य हासिल करना संभव है जब आप मेहनत करते हैं और अपने सपनों की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।