बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में एक हफ्ते की छुट्टी का आयोजन किया है और सूत्रों के मुताबिक, वह ब्रिटेन की यात्रा पर जा सकते हैं। वह ब्रिटेन में एक विज्ञान संग्रहालय का दौरा करने की योजना बना रहे हैं और अपने अगले सप्ताह को वह वहाँ से लौटने की संभावना है। यह यात्रा विदेशी तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है।
नीतीश कुमार के ब्रिटेन की इस यात्रा का मकसद ब्रिटेन के विज्ञान संग्रहालय को जाकर वहाँ के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी विकास को समझना और इससे बिहार में भी लागू करने की संभावनाओं को जानना है। उनका मानना है कि इस यात्रा से उन्हें ब्रिटेन की विज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विकास योजनाओं के बारे में नई जानकारी प्राप्त होगी और वह बिहार में भी ऐसे ही तकनीकी उपायों का लाभ उठा सकते हैं।

इसी क्रम में, नीतीश कुमार की यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण है और इससे उन्हें नवीनतम विज्ञानिक और प्रौद्योगिकी की जानकारी प्राप्त हो सकती है जो कि उन्हें बिहार के विकास में मदद कर सकती है।
इसी दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया में एक बड़ी रैली संपन्न हुई जिसमें सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। क्योंकि वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके अभाव में रह गए और उनके साथ संवाद नहीं किया गया।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ दिनों में 5 राज्यों के तूफानी दौरे पर हैं जिसके अंतिम चरण में वह बिहार के बेतिया पहुंचे।
इसके अलावा, नीतीश कुमार ने ब्रिटेन की इस यात्रा के दौरान दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से भी मिलने की संभावना है। उनका मकसद दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा करना है और लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर भी विचार-विमर्श करना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि नीतीश कुमार ने इस यात्रा को बिहार के विकास और राजनीतिक चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए कामयाबी से उपयोग किया है।