बिहार में मंत्रियों के कई पद खाली पड़े हैं। बिहार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयासबाजी की जा रही है। आरजेडी के दो मंत्रियों ने महागठबंधन वाली इस सरकार के बनने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। राजधानी पटना में विपक्षी एकता की पहली मीटिंग हुई थी, जिसके बाद से ही कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद बढ़ गई थी।
तेजस्वी को दिख रही सरकार में अपनी हैसियत
बेंगलुरु में मंत्रिमंडल की दूसरी मीटिंग हुई, जिसके बाद ही बिहार के कैबिनेट की अपेक्षा अधर में लटकती हुई नजर आ रही है। बुधवार को जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने विस्तार की तो बात कही लेकिन उनके जवाब में विश्वास बहुत कम दिख रहा था और टालमटोल ज्यादा नजर आ रही थी। दरअसल इस दौरान नीतीश कुमार तेजस्वी यादव की तरह इशारा करने की कोशिश में जुटे थे। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में नीतीश कुमार तेजस्वी यादव और आरजेडी के मंत्रियों के लिए हुए सारे फैसले खारिज कर दिए हैं। ऐसे में उन्हें सरकार में अपनी हैसियत को लेकर शक होने लगा था।
नीतीश कुमार पर उठे सवाल
बता दें विपक्ष की दूसरी मीटिंग 18 जुलाई को संपन्न हुई थी। इसके बाद से ही नीतीश कुमार के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, बेंगलुरु में हुई दूसरी बैठक में नीतीश कुमार अकेले ऐसे नेता थे, जिन्हें निशाने पर लिया गया था। हर जगह नीतीश कुमार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उनके खिलाफ बड़े-बड़े पोस्टर्स लग रहे थे।