बिहार के सारण जिले में स्थित एक मदरसा में हुए ब्लास्ट के मामले में गहरा बवाल मचा है। इस हादसे में दो लोग घायल हो गए हैं और पुलिस ने ब्लास्ट के पहले सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई है।
मदरसे में हुए ब्लास्ट में घायल लोगों में मदरसे के मौलाना इमामुद्दीन (40 साल) और मदरसे का छात्र नूर आलम शामिल हैं। इन दोनों को पटना के PMCH में इलाज किया जा रहा है।
मामला मरखा थाना क्षेत्र के मोतिराजपुर गांव का है और यहां की मदरसा में ब्लास्ट हुआ। पुलिस के मुताबिक, ब्लास्ट के निशानों को मिटाने की कोशिश की गई है और इस मामले में जांच के लिए FSL टीम भी मौके पर पहुंची है।
आलोक कुमार जयसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, ASP राजकिशोर सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पूरे परिसर का बारीकी से मुआयना किया। उनके अनुसार, घटना की सही वजह लोगों से पूछताछ और आगे की कार्रवाई के बाद ही पता चलेगी।
सारण पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव मंगला ने प्रेस रिलीज में बताया कि मदरसा में पटाखा बनाया जा रहा था और उसी दौरान पटाखा ब्लास्ट हो गया। उन्होंने आगे कहा कि घटना की सही वजह लोगों से पूछताछ और आगे की कार्रवाई के बाद ही पता चलेगी। जांच के लिए मौके पर FSL की टीम को बुलाया गया है।
मदरसा में ब्लास्ट के समय 80 बच्चे और कर्मचारी मौजूद थे। इस हादसे के बाद बाकी सभी लोगों के लापता होने की जानकारी है। ब्लास्ट वाली जगह पर भारी पुलिस बल तैनात है।
सूत्रों के मुताबिक, ब्लास्ट में घायल छात्र नूर को मदरसा के पीछे से गेंद जैसी एक वस्तु उठाकर अंदर ले गया था। बताया जा रहा है कि उस वस्तु के हाथ में बम फेंकने की कोशिश की गई, जिससे उसके हाथ फट गए। कुछ लोग सिलेंडर फटने की बात भी कह रहे हैं।
इस मामले में और जानकारी के बाद ही सच्चाई सामने आएगी और घटना के पीछे का असली मोती पता चलेगा।