बिहार के सुपौल जिले में रविवार को एक बड़ा हादसा होते-होते बचा जब एक साथ 200 से अधिक पुलिसकर्मियों की तबीयत बिगड़ गई। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को चिंता में डाल दिया। सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल नजदीकी वीरपुर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। इस घटना के बाद से पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों में चिंता का माहौल बना हुआ है।
घटना की शुरुआत: खराब भोजन या कुछ और?
रविवार की दोपहर को, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की 12वीं और 15वीं बटालियन के लगभग 200 जवान भीमनगर स्थित ट्रेनिंग कैंप में दोपहर का भोजन करने के बाद अचानक बीमार पड़ने लगे। जवानों को उल्टी और दस्त की समस्या होने लगी, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। रात होते-होते, स्थिति इतनी बिगड़ गई कि लगभग 200 जवानों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भीमनगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार और वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और जवानों की हालत के बारे में जानकारी ली।
खराब खाने का आरोप
इस घटना के बाद, कुछ जवानों ने आरोप लगाया कि उन्हें पिछले कुछ दिनों से ट्रेनिंग के दौरान खराब खाना दिया जा रहा था। पुलिस जवान मुकेश कुमार ने बताया कि लगातार खराब खाना मिलने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ रही थी, और उन्होंने इसे लेकर पहले भी शिकायत की थी। जवानों ने बताया कि रविवार को खाने के बाद अचानक उनकी तबीयत और बिगड़ गई, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
सल्फास की पुड़िया का रहस्य
इस घटना को लेकर सबसे चौंकाने वाली बात तब सामने आई, जब जवानों ने दावा किया कि खाना बनाने की जगह पर सल्फास की पुड़िया पाई गई। पुलिस जवान मुकेश कुमार ने आरोप लगाया कि यह घटना किसी साजिश का हिस्सा हो सकती है, और संभवतः उनकी हत्या करने की कोशिश की गई थी। इस आरोप के बाद पुलिस और प्रशासन की जांच की प्रक्रिया और तेज हो गई है।
अस्पताल में इलाज की कमी
अस्पताल में पहुंचने के बाद, जवानों को वहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की कमी का भी सामना करना पड़ा। पुलिस जवानों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में मात्र एक डॉक्टर के द्वारा इलाज किया जा रहा था, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई। कई जवानों ने यह भी बताया कि अस्पताल में दवाइयों की कमी के कारण उन्हें खुद ही दवाइयां खरीदनी पड़ीं। इस स्थिति ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एसडीएम का बयान: फूड प्वॉइजनिंग का मामला
एसडीएम नीरज कुमार ने इस घटना को लेकर कहा कि प्रारंभिक जांच में यह मामला फूड प्वॉइजनिंग का लगता है। उन्होंने बताया कि स्थिति को लेकर वेट एंड वाच की नीति अपनाई जा रही है और सभी जवानों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। एसडीएम के अनुसार, जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है।
यह घटना बिहार में पुलिस बल की सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है। 200 से अधिक जवानों का एक साथ बीमार पड़ना न केवल उनके लिए बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस घटना की जांच पूरी तरह से होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह महज फूड प्वॉइजनिंग का मामला था या इसके पीछे कोई साजिश थी। साथ ही, इस घटना के बाद अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता और उनकी तैयारी पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।