लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कल यानी बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में बैठक की। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से बिना किसी डर के वोट देने की अपील करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने बिहार में वोटर्स से जुड़े कई अहम आंकड़े साझा किए हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 का ऐलान अब कुछ ही दिनों में किया जा सकता है। सभी राजनीति दलों की ओर से इस चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वहीं, दूसरी ओर चुनाव आयोग की ओर से भी मतदान की तैयारियों को लेकर लगातार बैठक और यात्राएं की जा रही हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बुधवार को बिहार पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य में वोटर्स की संख्या और तैयारियों को लेकर चर्चा की। आइए जानते हैं चुनाव आयोग द्वारा बताया गया पूरा डाटा।
कुल कितने वोटर्स हैं बिहार में?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में जानकारी दी कि बिहार में कुल 7.64 करोड़ मतदाता हैं। राज्य में पुरुष मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ तो वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या 3.6 करोड़ है। राजीव कुमार ने बताया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में 9.26 लाख वोटर्स पहली बार मतदान करेगे। वहीं, राज्य के 20 से 29 वर्ष के युवा वोटर्स की संख्या करीब 1.6 करोड़ बताई गई है।
100 वर्ष से जयादा आयु के हजारों वोटर्स
मुख्य चुनाव आयुक्त ने जानकारी दी है कि बिहार में 21,680 मतदाता 100 साल से अधिक उम्र के हैं। वहीं, राज्य में कुल सीनियर सिटिजेन वोटर्स की संख्या 14.5 लाख है। इसके अलावा राज्य में 6.3 लाख दिव्यांग वोटर्स भी हैं। आयोग ने कहा है कि मृत्यु और मतदाताओं के दूसरी जगह स्थानांतरित होने के कारण 16.7 लाख का नाम हटाया है।
बिना किसी डर के वोट देने की अपील
लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मैं लोगों से बिना किसी डर के वोट देने की अपील करता हूं। हमने विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों के साथ बैठकें कीं और उनके पास कुछ मुद्दे और सुझाव हैं। उन्होंने हमें मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने, नए जोड़े गए मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र जारी करने, सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की उचित तैनाती, प्रतिरूपण नहीं होने देने के बारे में आश्वस्त होने के लिए कहा है। आयोग को सलाह मिली है कि केंद्रीय पर्यवेक्षक सभी के लिए उपलब्ध और सुलभ होना चाहिए, डाक मतपत्रों की गिनती पहले होनी चाहिए, सभी दलों को EVM के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। चुनाव आयोग का कोशिश है कि मतदाता सूची शुद्ध एवं स्वस्थ होनी चाहिए।