बिहार में शिक्षा का खस्ताहाल एक बार फिर से देखने को मिला है। ताजा मामला नालंदा जिला के एकंगरसराय प्रखण्ड के महमदपुर महुआबाग़ उत्क्रमित मध्य विद्यालय से जुड़ा हुआ है।
स्कूल का समय होने के बावजूद भी शिक्षक क्लास में नदारद रहें
जहाँ स्कूल का समय होने के बावजूद भी शिक्षक क्लास में नदारद रहे। शिक्षक के गैर मौजूदगी में छात्र-छात्राएँ खुद से ही क्लास में पढ़ाई करते हुए देखे गएँ हैं। जहाँ एक ओर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के-के पाठक लगातार कोर्सिस कर रहे हैं कि बिहार के शिक्षा में सुधार हो, लेकिन अब लग रहा है की उनकी सारी कोर्सीसों पर सरकारी स्कूल के शिक्षक पानी फेरते हुए नजर आ रहें हैं वहीँ शिक्षक अपने कार्यो में लीन हैं।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के एकंगरसराय ब्लॉक के महमदपुर महुआबाग का है
दरअसल यह उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के एकंगरसराय ब्लॉक के महमदपुर महुआबाग का है। यहाँ एक से आठ तक की कक्षा में सिर्फ दो हीं टीचर हैं स्कूल के छात्राओं का कहना है कि हम लोग क्लास तो आते हैं. पर शिक्षक का कोई अता-पता नहीं रहता है.
एक ही रूम में कक्षा छठा से आठवीं तक की छात्र-छात्राएं बैठकर खुद से पढ़ाई करते हैं
वहीं एक ही रूम में कक्षा छठा से आठवीं तक की छात्र-छात्राएं बैठकर खुद से पढ़ाई करते है. टीचर सिर्फ आते हैं और अटेंडेंस बनाकर चले जाते हैं. बाकी समय में क्लास के बाहर कुर्सी पर बैठकर फोन से गप्पे लड़ाते हैं.क्लास का अब यह हालात हो गया है कि अब बच्चें शिक्षक के कुर्सी पर बैठकर आपस में गाली गलौज और लड़ाई भी करते हैं। अगर यहीं हाल रहा तो बिहार के बच्चें आईएएस,आईपीएस, इंजीनियर और डॉक्टर कैसे बनेंगें।