बिहार में शराबबंदी को लागू हुए लगभग 8 साल हो चुके हैं। 2016 में बिहार सरकार ने राज्य में शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी। इस निर्णय का उद्देश्य समाज में शराब के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और स्वास्थ्य, सुरक्षा, और सामाजिक स्थिति में सुधार लाना था। लेकिन, वास्तविकता इससे काफी अलग नजर आ रही है। हाल ही में बिहार के बक्सर जिले में एक नशे में धुत्त युवती का वीडियो सामने आया है, जिसने इस पाबंदी की पोल खोलकर रख दी है।
बक्सर की घटना
बक्सर जिले के अंबेडकर चौक पर एक 18-19 साल की युवती को शराब के नशे में पूरी तरह से बेहोश हालत में पाया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पहली बार नहीं था जब इस युवती को नशे की हालत में देखा गया हो। इससे पहले भी कई बार उसे नशा करते हुए देखा गया है। लेकिन इस बार युवती ने इतनी शराब पी ली थी कि वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। मौके पर मौजूद लोग उसे सड़क के किनारे ले गए और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और युवती को अस्पताल में भर्ती कराया। वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस ने युवती को हाथ पकड़कर गाड़ी में बिठाया। पुलिस के पूछने पर युवती ने स्वीकार किया कि उसने शराब पी रखी है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और बिहार में शराबबंदी की असफलता पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए।
नशे की लत और युवाओं पर प्रभाव
बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता एक बड़ी समस्या बनी हुई है। बक्सर के अंबेडकर चौक और आसपास के इलाके नशे की चपेट में आ चुके हैं। खासकर युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है। नशे की आदत के चलते कई युवा चोरी-चकारी जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में भी शामिल हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं, जो नशे की लत का सीधा परिणाम हैं।
स्थानीय लोगों की राय
बक्सर के स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस को नशेड़ियों और नशे के सौदागरों को पकड़ने के लिए सख्त अभियान चलाना चाहिए। अगर पुलिस इस दिशा में ठोस कदम उठाती है, तो इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। लोगों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता दिखाती है कि इस नियम को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है।
प्रशासन की जिम्मेदारी
बिहार में शराबबंदी के बाद भी शराब की उपलब्धता और इसका सेवन एक गंभीर समस्या बनी हुई है। प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। नशे के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और शराब की तस्करी को रोकने के लिए कड़ी निगरानी की जानी चाहिए। साथ ही, समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।
बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता और इसका सेवन एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आया है। बक्सर में नशे में धुत्त युवती का वीडियो इस बात का प्रमाण है कि शराबबंदी को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। नशे के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के प्रयासों से ही इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। बिहार में शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए प्रशासन, समाज और जनता को मिलकर प्रयास करने होंगे।